गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के उना में रेवाद गांव में एक दुखद घटना घटी है। यहां 49 वर्षीय किसान घफर मूसा उनादे ने अपनी पूरी मूंगफली की फसल को बेमौसम बारिश से नष्ट होने के बाद आत्महत्या कर ली। इसके अलावा, दो लाख रुपये के कर्ज और अपनी दो बेटियों की शादी का बोझ भी उन पर था, जिसके कारण उन्होंने इस अत्यधिक कदम को उठाया। इस दुखद घटना ने आसपास के क्षेत्र में गहरा दुख और क्रोध फैलाया है, जिससे सरकारी हस्तक्षेप और बारिश से प्रभावित किसानों के लिए तत्काल मुआवजे की मांग फिर से उठी है। यह घटना 3 नवंबर की शाम लगभग 6 बजे के आसपास हुई थी।
घफर के परिवार के सदस्यों के अनुसार, घफर एक छोटा किसान था जिसके पास नौ बीघा जमीन थी। इस मौसम में वह अपनी मूंगफली की फसल पर पूरा भरोसा लगा कर रखा था, लेकिन जब प्रकृति ने दुश्मनी दिखाई, तो अक्टूबर की भारी बारिश ने उसके खेतों को नष्ट कर दिया, जिससे उसके पके हुए मूंगफली भी खराब हो गए। मूंगफली डूब गई, उसकी उम्मीदें भी डूब गईं। मौत के पहले वह अपनी शर्ट, मोबाइल फोन और जूते निष्पक्षता से पाइप वेल के चैम्बर के पास रख दिए, जो उसकी उदासी के शांति से गवाह थे।
जब घफर घर नहीं आया, तो उसकी बेटी की चिंतित कॉल ने उसके चाचा को एक दुर्भाग्यशाली खोज शुरू करने के लिए मजबूर किया। खेतों की प्रकाश की रोशनी में परिवार ने उसके सामान को पाइप वेल के पास पाया। सबसे खराब सोचते हुए, उन्होंने एक मोटर का उपयोग करके पानी निकाला, लेकिन जब वे पानी निकाल रहे थे, तो उन्होंने उसकी जानलेवा हालत को देखा। पुलिस ने एक दुर्घटनावश मृत्यु का मामला दर्ज किया और आगे की जांच शुरू की, लेकिन कोई आत्महत्या का पत्र नहीं मिला। परिवार के सदस्यों के दावे के अनुसार, वित्तीय दबाव और फसल का नुकसान ने घफर को अवसाद में डाल दिया था। उन्होंने एक स्थानीय समाज से दो लाख रुपये का कर्ज लिया था, और दो बेटियों की हाल ही में शादी हुई थी, जिससे बढ़ते खर्च ने उन पर भारी दबाव डाला था।
पुलिस ने घफर के शव को उना सरकारी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए शिफ्ट किया। पुलिस ने एक दुर्घटनावश मृत्यु का मामला दर्ज किया और आगे की जांच शुरू की।

