Uttar Pradesh

विश्व कप जीतने वाली खिलाड़ी दीप्ति की कहानी: सात साल की उम्र में वह प्लास्टिक के बैट से पत्थर फेंकती थी।

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी भारतीय क्रिकेटर दीप्ति शर्मा की कहानी दिलचस्प है. दीप्ति को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था. दीप्ति जब छोटी थी तब उसका भाई सुमित क्रिकेट सिखने जाता था. उस समय दीप्ति अपने भाई से रोज उसके साथ जाने की जिद्द करती थी, लेकिन वह उसे लेकर नहीं जाता था. दीप्ती का भाई कहता था कि यह लड़कों का खेल है तुम वहाँ नहीं जा सकती. लेकिन तब किसी को नहीं पता था कि दीप्ति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेलेगी.

दीप्ति के पिता श्री भगवान शर्मा ने बताया कि दीप्ति जब 7 साल की थी तब उसके पास एक प्लास्टिक का बैट था वह अक़्सर छोटे छोटे कंकड पत्थर बैट से मारती रहती थी. एक दिन एक पत्थर दीप्ति के बैट से उनके पड़ोसी बुजर्ग की पीठ पर लग गया, जिससे वो चोटिल हो गए. तब उन्होंने दीप्ति के पिता और भाई से उसे मैदान में ले जाकर क्रिकेट खिलाने को कहा. ये दो ऐसे किस्से हुए कि दीप्ती को क्रिकेट की राह पर ले गए और आज दीप्ति ने दुनिया में अपना नाम गर्व से ऊँचा कर दिया है.

क्रिकेटर हेमलता कलां ने बचपन में पहचान लिया था दीप्ति का हुनर. आगरा निवासी दीप्ती शर्मा ने वर्ल्डकप फाइनल में बेहतरीन प्रदर्शन कर जीत हासिल कर भारत का नाम रोशन कर दिया. दीप्ति के पिता बताते हैं कि जब उसका भाई क्रिकेट सिखने जाता था तब दीप्ती भी उसके साथ जाने की जिद्द करती थी. दीप्ती एक दिन भाई सुमित के साथ खेलने चली गई थी. उस दिन हेमलता कलां बच्चों को क्रिकेट सीखा रही थी. दीप्ती बाहर बैठ कर यह सब देख रही थी. तभी एक बॉल दीप्ति की तरफ आई उसने बॉल को उठा कर विकेट पर थ्रो कर दिया जिसे देख हेमलता कलां भी चौंक गई. उन्होंने पूछा कि यह लड़की कौन है? दीप्ति के भाई सुमित ने उसका परिचय दिया. हेमलता ने सुमित से कहा कि यह लड़की नाम रोशन करेगी इसे क्रिकेट सिखाओ. उस दिन के बाद सुमित ने दीप्ती को क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करा दी. आज वर्तमान में दीप्ती की गिनती बेहतरीन ऑलराउंडर में गिनी जाती है.

दीप्ती पर हनुमान बाबा का है विशेष आशीर्वाद. दीप्ती की माँ सुशीला शर्मा ने बताया कि दीप्ति हनुमान जी की बहुत बड़ी भक्त हैं. मंगलवार का वो व्रत रखती हैं और उन्होंने बताया कि जब भी मैदान में खेलने जाती है उससे पहले अपनी पूजा पाठ करती है. दीप्ती की माँ बताती है कि दीप्ती पूजा पाठ का नियम कभी भूलती नहीं हैं. पूरा परिवार शुरू से हनुमानजी की पूजा करता है. उन्होंने कहा कि फ़ाइनल मुकाबले के दौरान हनुमान जी के चमत्कार से भारत ने जीत हासिल की है.

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