उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव: राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी पदों के लिए नामांकन शुल्क, जमानत राशि और चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा निर्धारित कर दी है. आयोग के नए आदेश में पुराने सभी निर्देशों को रद्द कर एकसमान नियम लागू किए गए हैं, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और उम्मीदवारों को स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलें.
आदेश के अनुसार, सदस्य ग्राम पंचायत पद के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को नामांकन पत्र शुल्क 200 रुपये और जमानत राशि 800 रुपये जमा करनी होगी. वहीं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिला उम्मीदवारों के लिए यह क्रमश: 100 रुपये और 400 रुपये रखी गई है. खर्च की अधिकतम सीमा 1,25,000 रुपये सदस्य ग्राम पंचायत पद के लिए नामांकन शुल्क और जमानत राशि के लिए यही नियम लागू होगा.
ग्राम प्रधान पद के दावेदारों के लिए नामांकन शुल्क 600 रुपये और जमानत राशि 3000 रुपये निर्धारित की गई है. आरक्षित वर्ग (एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाएं) के उम्मीदवारों को 300 रुपये नामांकन शुल्क और 1500 रुपये जमानत राशि देनी होगी. सबसे महत्वपूर्ण, ग्राम प्रधान पद के लिए चुनावी खर्च की अधिकतम सीमा 1,25,000 रुपये तय की गई है. इसका मतलब है कि कोई भी उम्मीदवार इस राशि से अधिक खर्च नहीं कर सकेगा.
खर्चे का देना होगा हिसाब आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह सीमा प्रचार सामग्री, सभाओं, वाहन, पोस्टर, बैनर और अन्य चुनावी गतिविधियों पर होने वाले कुल खर्च को कवर करेगी. खर्च की निगरानी के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को अलग से लेखा-जोखा रखना होगा, जिसकी जांच निर्वाचन अधिकारियों द्वारा की जाएगी. राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा है कि ये नियम पंचायत चुनावों में धनबल के दुरुपयोग को रोकने के लिए बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि गांव का विकास करने वाला सच्चा प्रतिनिधि चुना जाए, न कि पैसों वाला. सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिले, इसलिए शुल्क और खर्च सीमा में आरक्षण वर्ग को राहत दी गई है.

