Uttar Pradesh

पहले महारैली और अब मायावती ने चल दी बड़ी चाल, अखिलेश यादव के वोटबैंक में सेंध लगाने की तैयारी

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने विरोधियों को पटखनी देने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया है. उन्होंने पार्टी के ओबीसी भाईचारा संगठन की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसमें संगठन की मजबूती, जनाधार विस्तार और जमीनी स्तर पर हो रहे कार्यों की समीक्षा की गई. इस बैठक में प्रदेशभर से जिला स्तर के पदाधिकारी और जिम्मेदार कार्यकर्ता शामिल रहे. मायावती ने बैठक में मौजूद पार्टी के लोगों को प्रमुख निर्देश दिए हैं, जिससे साफ हो रहा है कि आने वाले साल 2027 के चुनाव में अखिलेश यादव के वोटबैंक में भारी उलटफेर हो सकता है।

बैठक की शुरुआत में मायावती ने ओबीसी वर्ग को पार्टी से जोड़ने के लिए अब तक किए गए प्रयासों की समीक्षा की. उन्होंने जिलावार प्रगति रिपोर्ट का मूल्यांकन करते हुए कहा कि पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए जमीनी स्तर पर निरंतर सक्रिय रहना बेहद जरूरी है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठन के आर्थिक सहयोग को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए, ताकि BSP का अभियान और मजबूत हो सके. मायावती ने इस दौरान कार्यकर्ताओं को SIR (स्ट्रक्चर्ड इंटरनल रिव्यू) का महत्व भी समझाया और कहा कि चुनाव आयोग की सभी गाइडलाइन्स का पालन पूरी तत्परता से किया जाना चाहिए.

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि BSP के राजनीतिक संघर्ष में हर व्यक्ति का वोट बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उन्होंने कहा कि चुनाव में वोट डालना हर नागरिक की संवैधानिक जिम्मेदारी है, इसलिए कार्यकर्ताओं को सुनिश्चित करना होगा कि सभी पात्र लोग मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाएं और वोटर कार्ड बनवाएं. इसी उद्देश्य से पार्टी की मासिक बैठक, जो पहले 10 नवंबर को प्रस्तावित थी, उसे आगे बढ़ाकर 1 नवंबर को ही आयोजित किया गया.

मायावती ने कहा कि जो भी कार्यकर्ता BSP के बैनर तले संगठित होकर ईमानदारी से काम करेंगे, सत्ता की ‘मास्टर चाबी’ उन्हीं को सबसे पहले मिलेगी. उन्होंने कहा कि जो जल्दी और मजबूती से संगठन के लिए कार्य करेगा, उसके अच्छे दिन भी उतनी ही जल्दी आएंगे. बैठक के दौरान मायावती ने बामसेफ संगठन को लेकर फैल रही गलतफहमियों पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि बामसेफ कोई राजनीतिक संगठन नहीं, बल्कि पढ़े-लिखे कर्मचारियों का एक सामाजिक संगठन है, जिसका उद्देश्य बहुजन समाज में सामाजिक चेतना जगाना है. उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना रजिस्टर वाली बामसेफ ही कांशीराम जी की मूल और असली बामसेफ है।

उन्होंने कहा कि आजकल कई ‘रजिस्टर्ड बामसेफ’ नाम से संगठन चलाए जा रहे हैं, जिनसे सावधान रहने की जरूरत है. मायावती ने कहा कि ऐसे संगठन स्वार्थी और अवसरवादी लोगों द्वारा बनाए गए हैं, जिनसे मान्यवर कांशीराम जी ने भी अपने जीवनकाल में सतर्क रहने की सलाह दी थी. उन्होंने यह भी जोड़ा कि BSP को इनके लिए अलग से बैठक बुलाने की जरूरत नहीं, क्योंकि असली बामसेफ से जुड़े लोग समय-समय पर पार्टी से संवाद करते रहते हैं।

मायावती ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश का अपरकास्ट समाज अब राजनीतिक रूप से काफी जागरूक हो चुका है, इसलिए उन्हें जोड़ने के लिए कोई नया भाईचारा संगठन बनाने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि यह वर्ग BSP में अपना हित सुरक्षित देखकर स्वाभाविक रूप से पार्टी से जुड़ जाएगा. अपने भाषण को खत्म करते हुए मायावती ने दोहराया कि BSP ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की नीति पर चलने वाली पार्टी है, और इसका उद्देश्य किसी एक वर्ग का नहीं, बल्कि पूरे समाज का कल्याण है. बैठक के अंत में उन्होंने सभी पदाधिकारियों से कहा कि वे पार्टी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाएं, गांव-गांव में मतदाता जागरूकता बढ़ाएं और आने वाले चुनावों के लिए पूरी गंभीरता के साथ तैयार रहें।

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