प्रबोधिनी एकादशी 2025: गंगा स्नान, व्रत और दान से शुरू होंगे शुभ कार्य और विवाह
कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को प्रबोधिनी एकादशी मनाई जाती है, जिसे भगवान विष्णु की नींद से जागरण का दिन भी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की नींद से जागते हैं और उनकी पूजा की जाती है. इस दिन लोग गंगा स्नान करते हैं, व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं, जिससे उनके जीवन में शुभता और सौभाग्य आता है.
गंगा स्नान के बाद लोग पुजारियों को मिठाइयाँ, फल और प्रसाद दान करते हैं, जिससे उनके जीवन में शुभता और सौभाग्य आता है. यह दिन शुभ कार्यों और शादियों की शुरुआत का प्रतीक है. इस दिन को लोग अपने परिवार के साथ मनाते हैं और एक दूसरे के साथ मिलकर पूजा करते हैं, जिससे उनके जीवन में प्रेम और सौहार्द का वातावरण बनता है.
प्रबोधिनी एकादशी के दिन लोग अपने घरों में पूजा के लिए विशेष तैयारी करते हैं और अपने परिवार के साथ मिलकर पूजा करते हैं. इस दिन को लोग अपने जीवन में शुभता और सौभाग्य के लिए मनाते हैं और अपने परिवार के साथ मिलकर पूजा करते हैं, जिससे उनके जीवन में प्रेम और सौहार्द का वातावरण बनता है.

