अयोध्या की गलियां: जो भटकता है वह पा लेता है रास्ता, यहां की गलियां ठीक कर देंगी दिमाग
अयोध्या की सुंदरता और प्राचीनता का एक अलग ही दृष्टिकोण है, जो इस शहर को एक अद्वितीय स्थान बनाता है. जब-जब राम और अयोध्या के नाम की ध्वनि हमारे कानों में सुनाई पड़ती है, तब रामलला की मूरत नजरों के सामने आ उभरती है. लेकिन इसी अयोध्या में, एक अयोध्या और बसती है, जिसे हम पौराणिक अयोध्या कहते हैं. यह अयोध्या हमें त्रेता कालीन अयोध्या में ले जाती है, जहां भगवान राम का राज था और दुनिया में रामराज्य था.
अयोध्या धाम मंदिर और मूर्तियों की नगरी है, यहां हर कदम पर आपको ठाकुर जी के दर्शन होंगे और विभिन्न रूप में होंगे. बस आपको अपने मन और श्रद्धा को जागृत करने की जरूरत है. अयोध्या का ये स्थल बेहद महत्त्वपूर्ण और अयोध्या की पौराणिकता से रूबरू कराने वाला है. इसकी इमारत का अपना एक अलग इतिहास है, जो शायद ही आपने कभी सुना और पढ़ा होगा.
स्वर्गद्वार की दर और दीवारों से भगवान राम और अयोध्या का इतिहास उभरकर सामने आता है. स्वर्ग द्वार यानी स्वर्ग तक पहुंचाने का मुख्य प्रवेश द्वार. जैसा नाम वैसा ही इस स्थल धार्मिक इतिहास है, बस आपको इन स्थलों पर पहुंचकर इस इमारत के सामने अपनी आंखों को बंद कर इसे महसूस करने की जरूरत है. जब अयोध्या यानी साकेत पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का राज था और दुनिया में रामराज्य था, तब इन इमारतों का दृश्य कैसा रहा होगा, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती.
अयोध्या के सरयू तट पर स्थित स्वर्ग द्वार मोहल्ले की गलियां बहुत सकरी हैं. धार्मिक मान्यता भी है कि जो भी मानसिक विक्षिप्त या फिर पागल व्यक्ति इस गलियों में टहल लेता है, वह अपने आप सही हो जाता है. यहां भटकने वाला पा लेता है रास्ता, यहां की गलियां ठीक कर देंगी दिमाग. अयोध्या की प्राचीनता और सुंदरता का एक अलग ही दृष्टिकोण है, जो इस शहर को एक अद्वितीय स्थान बनाता है.

