देहरादून: भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने चीन सीमा के पास धारचुला और गुंजी के बीच आदि कैलाश और कैलाश मंदिर के लिए जाने वाले रास्ते में एक खतरनाक स्ट्रेच को बypass करने के लिए 5.4 किलोमीटर का टनल बनाने का निर्णय लिया है। टनल के निर्माण से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यात्रा की दूरी लगभग 22 किलोमीटर कम हो जाएगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय ताम्टा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी, कि इस निर्णय के पीछे कारण यह है कि आदि कैलाश रास्ते के गुंजी की ओर जाने वाले चियालेख के पास मौजूद सड़क खतरनाक और असुरक्षित हो गई है।
ताम्टा ने कहा, “चियालेख के पास बंडी और गुंजी के बीच की सड़क खतरनाक है, क्योंकि इसके ऊपरी पहाड़ी क्षेत्र कमजोर और अस्थिर हैं।” उन्होंने कहा कि 5.4 किलोमीटर के टनल के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। एक बार डीपीआर को सेंटर से मंजूरी मिल जाने के बाद ही काम शुरू होगा। उन्होंने कहा कि गुंजी के आगे का हिस्सा अब चीन सीमा के करीब हो गया है। उन्होंने कहा, “चियालेख के पास बनी सड़क कैलाश मंदिर और आदि कैलाश के लिए जाने वाले इस कठिन पहाड़ी क्षेत्र में खतरनाक है, खासकर भारी वाहनों के लिए। इस कारण से टनल बनाने का निर्णय लिया गया है।”
ताम्टा ने कहा कि टनल के निर्माण से मौजूदा रूट पर यात्रा करने के जोखिम समाप्त हो जाएंगे और धारचुला से गुंजी की यात्रा लगभग 22 किलोमीटर कम हो जाएगी।

