Uttar Pradesh

कानपुर न्यूज़ : “28 दिन में कैसे होगा 6 महीने का सिलेबस…,” कानपुर की इस विश्वविद्यालय में परीक्षा की डेट आते ही हंगामा

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ने विषम सेमेस्टर परीक्षाओं का कार्यक्रम जारी कर दिया है, जिससे छात्र और शिक्षक दोनों परेशान हैं। विश्वविद्यालय की परीक्षाएं 11 नवंबर से शुरू होंगी, लेकिन इस फैसले से छात्र और शिक्षक दोनों परेशान हैं। वजह यह है कि विश्वविद्यालय में दाखिले की प्रक्रिया 13 अक्टूबर तक चली है, यानी छात्रों को परीक्षा से पहले सिर्फ 28 दिन का समय मिला है। अब सवाल यह उठ रहा है कि इतने कम समय में छह महीने का सिलेबस आखिर कैसे पूरा होगा।

सीएसजेएमयू से जुड़े करीब 600 से अधिक कॉलेजों में लाखों छात्र पढ़ते हैं। अधिकांश कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया 13 अक्टूबर तक चलती रही। कई कॉलेजों में तो प्रवेश सूची भी इसी बीच जारी हुई। यानी छात्रों ने अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में ही कक्षाओं की शुरुआत की और अब नवंबर के दूसरे हफ्ते में परीक्षा होने जा रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह सेमेस्टर प्रणाली का हिस्सा है, लेकिन छात्रों और शिक्षकों का मानना है कि इतनी जल्दी परीक्षा कराना अनुचित है।

छात्रों का कहना है कि उन्हें अभी तक कई विषयों का पूरा सिलेबस भी नहीं पढ़ाया गया है। कुछ कॉलेजों में तो क्लासे नियमित रूप से शुरू ही नहीं हो सकीं। कई शिक्षकों का कहना है कि 28 दिन में पूरा पाठ्यक्रम खत्म करना असंभव है। बच्चों का कहना है कि 28 दिन में पूरे सेमेस्टर की पढ़ाई पढ़ना नामुमकिन है। ऐसे में बिना तैयारी के पेपर देने पड़ेंगे। शिक्षकों ने भी इसे अव्यवहारिक बताया है। उनका कहना है कि इतने कम समय में छात्रों को पढ़ाना, प्रैक्टिकल कराना और उन्हें परीक्षा के लायक तैयार करना मुश्किल है। इससे न केवल छात्रों का प्रदर्शन खराब होगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर भी गहरा असर पड़ेगा।

विश्वविद्यालय के इस कदम से शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। शिक्षक संगठनों ने कहा कि विश्वविद्यालय को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी। परीक्षा की जल्दी में न तो छात्र ठीक से पढ़ पाएंगे और न शिक्षक उन्हें उचित मार्गदर्शन दे पाएंगे। कई कॉलेजों ने परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग भी की है, लेकिन फिलहाल विश्वविद्यालय अपने तय कार्यक्रम पर कायम है।

छात्रों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई या क्रैश कोर्स से छह महीने का सिलेबस पूरा नहीं हो सकता। यह निर्णय केवल परीक्षा पूरी कराने का तरीका है, न कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का प्रयास।

कानपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रण राकेश कुमार ने बताया कि 11 नवंबर से परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। 1 तारीख तक किसी को आपत्ति हो तो वह आपत्ति दाखिल कर सकता है।

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