मथुरा के रेलवे ग्राउंड में चल रहे ब्रजरज उत्सव में कई राज्यों से हस्त निर्मित कपड़ों की स्टाल लगी हुई हैं। यहां राजस्थान की झलक इन कपड़ों पर देखने को मिलेगी। ₹100 से लेकर 1800 रुपये तक के कपड़े मिलेंगे। इन कपड़ों की कारीगर से उसकी कारीगरी की कहानी है, जिसमें पता चलता है कि किस तरह से उन्होंने खड़ा कर दिया यह बिजनेस।
उत्तर प्रदेश के मथुरा में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ब्रजरज उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस उत्सव में देश के कई राज्यों से कलाकार और हस्तशिल्प कर आए हुए हैं। मथुरा की रेलवे ग्राउंड में आयोजित किए गए ब्रजरज उत्सव की शुरुआत 16 अक्टूबर को हुई थी। यह उत्सव 8 नवंबर तक चलेगा। यहां हर राज्य का कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहा है, वहीं हस्तशिल्पकार भी अपने हाथों से बने हुए कपड़े और सामान को बेचकर अपने-अपने राज्यों की पहचान को दिखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
राजस्थान से आए बालकृष्ण पाराशर ने अपनी एक दुकान हस्तशिल्प कला को दिखाने के लिए लगाई है। बालकृष्ण पाराशर कड़ी मेहनत से बच्चों और महिलाओं के लिए बेहद खूबसूरत और मनमोहन साड़ियों का निर्माण करते हैं। इन कपड़ों को वह अपने हाथों से बनाते हैं। उनके कपड़े बेहद पसंद आते हैं, एक बार जो व्यक्ति उनके कपड़े ले जाता है, वह आर्डर कर उनके कपड़ों को दोबारा से खरीद लेता है। बालकृष्ण पाराशर ने लोकल 18 से कहा कि स्टॉल के अंदर जितने भी कपड़े टंगे हुए हैं, सभी मेरे हाथों से बने हुए हैं। मेरे कारीगर भी इन कपड़ों को बनाने में साथ देते हैं। छोटे बच्चों के कपड़ों को बनाने के लिए करीब 15 से 20 दिन का समय लगता है।
जबकि साड़ी या दुपट्टा हम लोग बनाते हैं, तो उसमें थोड़ा सा और समय बढ़ जाता है। उनकी कढ़ाई और बुनाई हाथों से की जाती है। आप हमारे कपड़े को जितनी बार धोएंगे उतना ही कपड़ा नया जैसा दिखाई देगा। हम लोग ₹100 से लेकर 1800 रुपये तक के कपड़े स्टॉल पर रखते हैं। जिसकी जैसी डिमांड होती है, उसको उसी के हिसाब से कपड़े ऑफर किए जाते हैं। भारत के कई राज्यों में बालकृष्ण पाराशर अपनी हैंडीक्राफ्ट की इंस्टॉल लगा चुके हैं। उन्हें सरकारी सहायता भी प्राप्त होती है।
ब्रजरज उत्सव में हस्त निर्मित कपड़ों की स्टाल लगी हुई हैं, जहां आप अपने पसंदीदा कपड़े खरीद सकते हैं। यहां राजस्थान की झलक इन कपड़ों पर देखने को मिलेगी। ₹100 से लेकर 1800 रुपये तक के कपड़े मिलेंगे। इन कपड़ों की कारीगर से उसकी कारीगरी की कहानी है, जिसमें पता चलता है कि किस तरह से उन्होंने खड़ा कर दिया यह बिजनेस।

