लखनऊ: सुल्तानपुर में पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह की मूर्ति पीडब्ल्यूडी की रोड पर लगाए जाने का मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. इस मामले में दाखिल जनहित याचिका पर हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने स्वतः संज्ञान लेते हुए बड़ा आदेश जारी किया है.
कोर्ट ने सवाल उठाया कि किस नियम के तहत सरकारी जमीन पर किसी व्यक्ति की मूर्ति स्थापित की जा सकती है? अगर ऐसा नहीं हो सकता, तो पब्लिक रोड पर लगी किसी मूर्ति को वहां से हटाने या शिफ्ट करने की क्या प्रक्रिया है? कोर्ट ने राज्य सरकार से इस पूरे मामले पर जवाब मांगा है.
इस याचिका का विरोध करते हुए कहा गया था कि यह याचिका राजनीतिक कारणों से दाखिल की गई है. इस पर कोर्ट ने याची को याचिका से हटाकर स्वतः संज्ञान ले लिया. कोर्ट ने कहा कि मामला जनहित का है, क्योंकि इसके पहले भी आम सड़क या सरकारी जमीन पर मूर्ति लगाने या हटाने की मांग वाली कई याचिकाएं कोर्ट में आ चुकी हैं.
पूरा मामला सुल्तानपुर जिले का है. यहां नगर पालिका ने पीडब्ल्यूडी की रोड पर पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह की मूर्ति स्थापित कर दी है. इस पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मूर्ति को तत्काल वहां से हटाने की मांग की गई है. याचिका के मुताबिक, जिस जमीन पर मूर्ति लगाई गई है, वह सरकारी जमीन है यानी पीडब्ल्यूडी की रोड है, जिस पर किसी भी प्रकार की मूर्ति नहीं लगाई जा सकती.
हाईकोर्ट ने डीएम सुल्तानपुर को नया हलफनामा पेश कर सरकारी जमीन पर मूर्ति लगाने और हटाने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी देने को कहा है. साथ ही, नगर पालिका सुल्तानपुर को भी विपक्षी पक्षकार बनाया गया है. कोर्ट ने नगर पालिका के एग्जीक्यूटिव अफसर से पूछा “किस कानून के तहत पीडब्ल्यूडी की सड़क या उसकी जमीन पर पूर्व विधायक की मूर्ति स्थापित की गई?” और “उस मूर्ति को आम सड़क से हटाने के लिए उनके पास क्या प्रस्ताव है?”
इस मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी.

