गांठ गोभी की खेती: कम लागत में ज्यादा मुनाफा चाहते हैं तो फूल या पत्तागोभी की जगह गांठ गोभी की खेती करें. गोभी की यह किस्म कम समय में तैयार हो जाती है और रोगों का असर भी बेहद कम होता है. इसकी खासियत है कि यह ठंडे मौसम में तेजी से बढ़ती है और प्रति हेक्टेयर बंपर उत्पादन देती है.
शाहजहांपुर में गांठ गोभी की खेती करने वाले किसानों के लिए अक्टूबर और नवंबर का महीना बेहद महत्वपूर्ण है. यह समय सब्जी की खेती के लिए सर्वोत्तम है, खासकर यदि किसान नवंबर के पहले सप्ताह में गांठ गोभी की फसल लगा दें तो वे कम समय में ही अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. गांठ गोभी की फसल में आमतौर पर ज्यादा रोग नहीं लगते हैं, जिससे किसानों की मेहनत और लागत कम हो जाती है. हालांकि, गांठ गोभी की फसल से बेहतरीन उपज लेने के लिए उर्वरकों की संतुलित मात्रा का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है.
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि अक्टूबर और नवंबर का समय उन किसानों के लिए अच्छा मौका है जो कम दिनों में ज्यादा लाभ कमाना चाहते हैं. किसान नवंबर के पहले सप्ताह में इसकी रोपाई ज़रूर कर दें. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस फसल में अन्य सब्जियों की तरह रोगों का प्रकोप बहुत कम होता है. किसानों को सिर्फ एक बात का खास ध्यान रखना है कि वह उर्वरकों का संतुलित उपयोग करें, अगर मिट्टी की ज़रूरत के हिसाब से सही मात्रा में खाद दी जाए, तो गांठ गोभी की फसल कम दिनों में अच्छा उत्पादन देगी.
गांठ गोभी की टॉप-6 किस्में: गांठ गोभी की फसल लगाते समय किसानों को उन्नत किस्म का ही चयन करना चाहिए. अच्छी किस्म का चुनाव करने से किसान उत्पादन को बढ़ा सकते हैं. किसान अर्ली पर्पल बियाना, अर्ली व्हाइट बियाना, किंग ऑफ नॉर्थ, लार्ज ग्रीन, पूसा विराट और व्हाइट बियाना की रोपाई कर सकते हैं. यह सभी किस्म 50 से 60 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं. रोपाई करते समय किसान ध्यान रखें कि लाइन से लाइन की दूरी 25 सेंटीमीटर और इतनी ही दूरी पर पौधे से पौधे की दूरी रखें. इसके अलावा किसान संतुलित मात्रा में उर्वरक की पूर्ति करें. गांठ गोभी में कंद फटने की समस्या आती है, जिससे बचाव के लिए किसान बोरेक्स का इस्तेमाल बेसल डोज में जरूर करें.

