मथुरा के श्री बांके बिहारी मंदिर में मौसम के अनुरूप ठाकुर जी की सेवा और दर्शन व्यवस्था में हर वर्ष की तरह इस बार भी बदलाव किया गया है. दीपावली के बाद शुरू हुए शीतकाल के चलते अब मंदिर में दर्शन के समय में परिवर्तन लागू किया गया है. सर्दी बढ़ने के साथ ठाकुर जी को भी ऋतु का एहसास कराया जा रहा है. चाहे वह भोग प्रसादी में बदलाव हो या फिर दर्शन के समय की नई व्यवस्था, भगवान को ठंड से बचाने के लिए मंदिर प्रबंधन ने उनके लिए विशेष शीतकालीन सेवाएं शुरू की हैं, जिससे श्रद्धालु भी भक्ति और परंपरा के इस अद्भुत संगम का अनुभव कर सकें.
शीतकाल की शुरुआत के साथ ही ठाकुर जी के दर्शन समय में बदलाव किया गया है. अब मंदिर के पट सुबह 8:45 बजे खुलेंगे और दोपहर 1 बजे तक दर्शन होंगे. शाम को 4 बजे से रात 9 बजे तक श्रद्धालु ठाकुर जी के दर्शन कर सकेंगे. मंदिर की उच्चाधिकार प्रबंधन समिति ने शीतकालीन दर्शन व्यवस्था तय की है, जिसके अनुसार सुबह 8 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक भक्तों के लिए पट खुले रहेंगे. हालांकि, सेवायत अपने परंपरागत समय के अनुसार ही ठाकुर जी के दर्शन प्रारंभ करते हैं।
सेवायतों का कहना है कि भगवान बांके बिहारी बाल रूप में यहां विराजमान हैं. इसलिए ऋतु परिवर्तन के अनुसार उन्हें ठंड और गर्मी का एहसास कराया जाता है. इसी परंपरा के तहत शीतकाल में भगवान को गर्माहट देने के लिए विशेष सेवाएं की जाती हैं. शीतकालीन दर्शन व्यवस्था दीपावली के बाद भाई दूज से लागू की गई है और यह होली के दौज तक प्रभावी रहेगी. इस दौरान दर्शन का समय पिछले वर्ष की तरह ही रखा गया है. भोग प्रसादी में भी मौसम के अनुरूप परिवर्तन किया गया है. गर्मी के मौसम में जहां हल्के और ठंडक देने वाले पदार्थ अर्पित किए जाते हैं, वहीं सर्दी में गर्माहट देने वाले व्यंजन ठाकुर जी को भोग के रूप में चढ़ाए जाते हैं, ताकि भगवान को ऋतु के अनुरूप सुख-सुविधा का अनुभव कराया जा सके.

