भाजपा सदस्यों ने अपनी सीटों से उठकर नारे लगाए और बाढ़ के मुद्दे पर तुरंत चर्चा की मांग की। भारी नारेबाजी का जवाब देते हुए वित्त मंत्रालय के सदस्यों ने भाजपा के सदस्यों पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और सदन का समय बर्बाद करने का आरोप लगाया।
सदन के अध्यक्ष ने पहले ही कह दिया था कि चर्चा होगी, तो फिर आप क्यों शोर मचा रहे हैं? इस प्रश्न के साथ ही नेशनल कांफ्रेंस के सदस्यों ने भाजपा के सदस्यों से विनम्रता से व्यवहार करने और सदन के कार्यक्रम को संचालित करने के लिए अध्यक्ष को स्वतंत्र रहने की मांग की।
दोनों पक्षों की नारेबाजी जारी रही, जिसके बाद भाजपा के सदस्य सदन के केंद्र में खड़े होकर अपनी आवाज बुलंद करने और चर्चा की मांग करने लगे। सदन के अंदरूनी सुरक्षा बल ने एक भाजपा सदस्य को सदन से बाहर निकाल दिया, जो टेबल पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था।
हालांकि, नारेबाजी के बावजूद, अध्यक्ष ने प्रश्न काल को आगे बढ़ाया और सदस्यों को अपने सूचीबद्ध प्रश्नों पर आगे बढ़ने का निर्देश दिया। लेकिन सदन में हाहाकार का कोई अंत नहीं हुआ, क्योंकि भाजपा के सदस्य सदन के अंदर ही अपनी प्रदर्शन को जारी रखे और सरकार से बाढ़ की स्थिति पर तुरंत चर्चा की मांग करने लगे।

