अम्बाला में राफेल लड़ाकू विमान में द्रौपदी मुर्मू की उड़ान
अम्बाला, 25 अक्टूबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा के अम्बाला में स्थित वायु सेना के हवाई अड्डे से बुधवार को राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। वायु सेनाध्यक्ष ए पी सिंह भी इसी हवाई अड्डे से एक अलग विमान से उड़ान भरे। राफेल विमान में बैठने से पहले राष्ट्रपति ने जी सूट पहना। मुर्मू ने पायलट के साथ फोटो खिंचवाने के लिए हेलमेट पकड़े हुए और सनग्लास पहने हुए थीं। विमान के उड़ान भरने से पहले राष्ट्रपति ने अंदर से ही हाथ हिलाया। राष्ट्रपति को हवाई अड्डे पर पहुंचने पर एक समारोहिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राफेल विमानों ने ऑपरेशन सिंदूर में भाग लिया था, जिसे भारत ने 22 अप्रैल के पाहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया था। अप्रैल 2023 में, मुर्मू ने असम के तेजपुर वायु सेना हवाई अड्डे पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। राष्ट्रपति ने सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाले पहले राष्ट्रपति थे। पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने 8 जून, 2006 और 25 नवंबर, 2009 को respectively लोहेगांव के पास पुणे के वायु सेना हवाई अड्डे पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। फ्रांसीसी एयरोस्पेस मेजर दसॉल्ट एयरोस्पेस द्वारा निर्मित राफेल लड़ाकू विमानों को सितंबर 2020 में अम्बाला के वायु सेना हवाई अड्डे पर औपचारिक रूप से शामिल किया गया था। 27 जुलाई, 2020 को फ्रांस से आए पहले पांच राफेल विमानों को 17 वीं स्क्वाड्रन, ‘सोने के तीर’ में शामिल किया गया था। राफेल विमानों ने ऑपरेशन सिंदूर में भाग लिया, जिसे भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में कई आतंकवादी संरचनाओं को नष्ट करने के लिए शुरू किया था। इस हमले के परिणामस्वरूप 10 मई को सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

