नई दिल्ली, 28 अक्टूबर 2025 – जर्मनी की कार्यकर्ता नाओमी सीब्ट ने अमेरिका में राजनीतिक शरण लेने के लिए आवेदन किया है, जिसे उन्होंने “अंती-ग्रेटा” के नाम से जाना जाता है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके देश में उनके राजनीतिक विचारों और स्वतंत्र अभिव्यक्ति के समर्थन के लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
सीब्ट ने 25 वर्ष की आयु में अपना आवेदन 208 अनुभाग के तहत प्रस्तुत किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जर्मनी में वापस जाने से उन्हें कारावास या शारीरिक हानि का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने फॉक्स न्यूज डिजिटल को बताया, “अब मैं शरण लेने के लिए आवेदन कर चुकी हूं, जिसका अर्थ है कि मैं इंटरव्यू की प्रतीक्षा कर रही हूं। और, इस बीच, मैं यहां कानूनी रूप से हूं।”
उन्होंने कहा, “मेरा उद्देश्य इस समय अमेरिकी नागरिक बनना है, क्योंकि इस देश ने मुझे इतनी आशा दी है।” उन्होंने दावा किया कि उनकी कार्यकर्ता की प्रयासों ने एलोन मस्क का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा, “मैंने जून 2024 में यूरोपीय चुनावों के दौरान एक पोस्ट किया था, जिसमें मैंने कहा था कि मेरा नाम नाओमी सीब्ट है और मैं एएफडी के लिए मतदान कर रही हूं। यह वह पहली बार था जब मस्क ने मुझसे संपर्क किया था। एलोन ने मुझे निजी संदेश में बताया कि उन्होंने एएफडी के बारे में मुझसे बात की थी।”
जर्मनी में राजनीतिक शरण लेने के लिए आवेदन करने वाली नाओमी सीब्ट का यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शरणार्थी और शरण लेने के कार्यक्रम के दौरान एक नीतिगत बदलाव के बाद हुआ है, जिसका उद्देश्य राजनीतिक अभिव्यक्ति और सरकारी नियंत्रण के विरोध में प्रताड़ित होने वाले लोगों को प्राथमिकता देना है।
इस नीति के तहत, कुछ यूरोपीय लोग जो अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए खतरे में हैं, खासकर स्वतंत्र अभिव्यक्ति के आधार पर, तेजी से समीक्षा के लिए पात्र हो सकते हैं। सीब्ट का आवेदन इस फ्रेमवर्क को लागू करने वाले पहले लोगों में से एक है।
उन्होंने दावा किया है कि जर्मनी में उनके लिए खतरा है, जहां उन्होंने कहा है कि उन्हें कई वर्षों से सरकारी एजेंसियों द्वारा निगरानी की जा रही है, उन्हें मौत के धमकियां मिल रही हैं और उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा, “2024 में, मुझे पता चला कि मुझ पर जर्मनी की खुफिया एजेंसी ने कई वर्षों से निगरानी की है। इसी समय, मुझे एंटीफा से मौत की धमकियां मिल रही हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं जर्मनी की पुलिस के पास गए और उन्होंने मुझे बताया कि वे इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं जब तक कि मुझे वास्तव में या तो बलात्कार या हत्या नहीं हुई है। मैं जर्मन सरकार से सुरक्षा नहीं पा रही हूं, हालांकि मैं बहुत बड़े खतरे में हूं कि मुझे मार दिया जा सकता है।”
सीब्ट ने कहा कि उन्होंने जर्मनी में अपनी कार्यकर्ता की गतिविधियों के कारण मुकदमा चलाने के लिए कानून का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा, “जर्मनी में एक कानून है जो एक राजनीतिक नेता के खिलाफ अपमान करने को अपराध बनाता है। यह कानून एंजेला मेर्केल द्वारा 188 अनुभाग के तहत बढ़ाया गया था और अब लोगों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया जा रहा है। जैसे ही मैं जर्मनी में वापस आऊंगी, मुझे लगता है कि वे मुझे गिरफ्तार करने की कोशिश करेंगे।”
उन्होंने कहा कि उनकी कार्यकर्ता की गतिविधियों के कारण उन्हें खतरा है, जिसमें उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रति आम धारणाओं को चुनौती दी और बड़े पैमाने पर प्रवास नीतियों का विरोध किया। उन्होंने कहा, “मैंने 2020 में जलवायु परिवर्तन के प्रति आम धारणाओं को चुनौती देने और बड़े पैमाने पर प्रवास नीतियों का विरोध करने के लिए कार्यकर्ता की गतिविधियों को शुरू किया था।”
उन्होंने कहा, “मैंने जर्मनी के मीडिया द्वारा ‘अंती-ग्रेटा’ के नाम से जाना जाने के लिए कभी नहीं सोचा था। जर्मनी के मीडिया ने मुझे ‘अंती-ग्रेटा’ के रूप में चित्रित किया, जैसे कि ग्रेटा थुनबर्ग के विरोधी के रूप में। मैं नाओमी सीब्ट हूं और मैं अपने आप को जानना चाहती हूं क्योंकि मैं केवल एक दाहिने विंग का पोस्टर पात्र नहीं हूं।”
उन्होंने कहा कि उन्हें एलोन मस्क के करीबी संबंध हैं, जिन्होंने उन्हें अपने समर्थन का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, “मैंने पिछले वर्ष में एलोन मस्क के साथ निजी संदेश में बातचीत की है और उन्होंने मुझे बताया है कि वे जर्मनी में खतरे के बारे में जानते हैं। उन्होंने मुझे बताया है कि वे मुझे समर्थन देने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने एलोन मस्क के समर्थन के कारण अमेरिका में शरण लेने के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा, “मैंने एलोन मस्क के समर्थन के कारण अमेरिका में शरण लेने के लिए आवेदन किया है, जो उन्होंने मुझे बताया है कि वे मुझे समर्थन देने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने कहा कि उन्हें अमेरिका में शरण लेने के लिए आवेदन करने के बाद उन्हें आशा है कि वे अमेरिकी नागरिक बन पाएंगी। उन्होंने कहा, “मेरा उद्देश्य अमेरिका में शरण लेने के बाद अमेरिकी नागरिक बनना है। मुझे आशा है कि मैं अमेरिका में शरण लेने के बाद अमेरिकी नागरिक बन पाऊंगी।”

