Uttar Pradesh

दूध की शुद्धता परीक्षण: दूध में मिलावट का पर्दाफाश करेगी ये मशीन! बैटरी से चलती है, पलक झपकते ही बता देगी हकीकत

दूध की शुद्धता जांचना अब बेहद आसान हो गया है। आधुनिक Milk Testing Machine कुछ ही सेकंड में बता देती है कि दूध में फैट कितना है और पानी कितना मिला हुआ है। यह मशीन डेयरी संचालक से लेकर आम लोग तक इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मशीन अब मिलावटखोरों के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।

दूध हमारे रोजमर्रा के खानपान का अहम हिस्सा है। घरों से लेकर होटलों तक, हर जगह दूध का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कई बार लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि जो दूध हम पी रहे हैं, क्या वह सच में शुद्ध है? अब इस सवाल का जवाब एक मशीन देगी। आधुनिक टेक्नोलॉजी से तैयार की गई Milk Testing Machine से आप कुछ ही सेकंड में दूध की गुणवत्ता जांच सकते हैं। इसकी कीमत लगभग 55 हजार रुपये है और इसे चलाना भी बेहद आसान है।

कैसे करती है काम यह मिल्क टेस्टिंग मशीन? यह मशीन दूध में मिलावट का पता लगाने के लिए बेहद आसान तकनीक पर काम करती है। इसे चलाने के लिए सिर्फ 12 वोल्ट की बैटरी की जरूरत होती है। मशीन में एक पाइप, नॉज़ल और एयर वेक्यूम वाइब्रेटर लगे होते हैं। इनमें से एक में थोड़ा सा दूध डालना होता है। इसके बाद मशीन हवा बनाकर दूध को अंदर खींच लेती है और कुछ ही सेकंड में दूध का विश्लेषण कर लेती है। मशीन में लगा डिस्प्ले स्क्रीन तुरंत बता देता है कि दूध में कितने प्रतिशत फैट है और उसमें पानी की मात्रा कितनी है। जांच पूरी होते ही मशीन पाइप के जरिए दूध को बाहर निकाल देती है। इसके बाद डेयरी संचालक उसी अनुसार दूध की गुणवत्ता तय करते हैं और पशुपालकों को उसका उचित मूल्य देते हैं।

मिलावटखोरों की छुट्टी, अब डेयरियां होंगी पारदर्शी दूध डेयरी का काम करने वालों के सामने अक्सर सबसे बड़ी समस्या यही होती है कि जब वे छोटे पशुपालकों से दूध खरीदते हैं तो कई बार अधिक मुनाफे के लिए दूध में पानी मिला दिया जाता है। अब यह मशीन इस समस्या का आसान समाधान बन गई है।

शुरुआती कीमत करीब 55 हजार रुपये से शुरू होकर लाखों रुपये तक की ये मशीनें अब बड़ी डेयरी कंपनियों जैसे अमूल, पराग और नमस्ते इंडिया में भी इस्तेमाल हो रही हैं। इससे दूध की क्वालिटी जांचने का काम पूरी तरह पारदर्शी हो गया है।

पुराने तरीके अब बीते जमाने की बात पहले लोकल स्तर पर मिठाई बनाने वाले दुकानदार दूध की शुद्धता मापने के लिए पारंपरिक तरीका अपनाते थे। वे एक लीटर दूध को कढ़ाई में जलाकर खोया बनाते थे। अगर 250 ग्राम खोया निकलता था तो दूध को शुद्ध माना जाता था, लेकिन उससे कम निकलने पर समझा जाता था कि दूध में मिलावट है। अब धीरे-धीरे लोग इन पुराने तरीकों को छोड़कर आधुनिक टेक्नोलॉजी की ओर बढ़ रहे हैं। Milk Testing Machine ने न सिर्फ समय की बचत की है बल्कि दूध की गुणवत्ता जांचने में पूरी सटीकता भी लाई है। अब यह मशीन न सिर्फ डेयरियों में बल्कि गांवों तक पहुंच रही है, जिससे किसान और पशुपालक दोनों ही मिलावट से मुक्त शुद्ध दूध की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

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