अयोध्या राम मंदिर ध्वजारोहण: 5 दिनों तक चलेगा धार्मिक अनुष्ठान
अयोध्या की प्रभु श्रीराम की नगरी एक बार फिर सजने वाली है और राजनेताओं का जमावड़ा लगने वाला है. ठीक प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम की ही तरह राम मंदिर में एक और बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है, जो राम मंदिर पर ध्वज स्थापना का है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ध्वज स्थापना के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने आमंत्रित भी कर दिया है. शनिवार को उन्होंने दिल्ली में मुलाकात कर आमंत्रित किया है. प्रधानमंत्री अयोध्या से ध्वजारोहण कर राम मंदिर के पूर्णता का संदेश पूरे विश्व को 25 नवंबर को देंगे.
ध्वजारोहण को लेकर 5 दिनों तक धार्मिक अनुष्ठान चलेगा. राम मंदिर पर लगने वाला ध्वज केसरिया रंग का होगा, जिसकी लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट होगी. यह उत्सव अयोध्या केंद्रित होगा. अयोध्या के ही अलग-अलग समाज के प्रतिनिधि और साधु संत महात्माओं को भेजा जाएगा निमंत्रण. राम मंदिर पर लगने वाला ध्वज केसरिया रंग का होगा. राम मंदिर के शिखर पर लहराने वाले ध्वज पर रामायण कालीन कोबेदार वृक्ष होगा. ओमकार और सूर्य का चिन्ह ध्वज पर होगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि के मुताबिक वाल्मीकि रामायण में वर्णित सूर्य, ओम और कोविदार वृक्ष के प्रतीकों वाला भगवा रंग का ध्वज 25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर के 161 फुट ऊंचे शिखर पर लगे 42 फुट ऊंचे खंभे पर फरहाया जाएगा. अयोध्या में इस आयोजन के लिए 25 नवंबर को वरिष्ठ भाजपा नेताओं का बड़ा जमावड़ा होगा. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री दुनिया के सबसे बड़े स्काउट और गाइड जम्बूरी के लिए प्रतिभागियों को आमंत्रित करेंगे, जिसमें 35,000 से ज्यादा कैडेटों के भाग लेने की उम्मीद है. वह विकसित उत्तर प्रदेश अभियान की सफलता की समीक्षा भी करेंगे, जिसके लिए अबतक 5 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं.

