उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां बंगाल पुलिस ने आरोपित को पकड़ने के लिए घर पहुंची, लेकिन दरवाजे पर करीब 10 घंटे तक खड़ी रही. पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए दबाव बनाया, लेकिन घर की महिलाओं ने आरोपित को साड़ी पहनकर घूंघट में बैठे हुए बताया. जब पुलिस ने घूंघट हटाने को कहा, तो घर की महिलाओं ने कहा कि यह राजू की पत्नी है. लेकिन जब पुलिस ने कहा कि नाम बताइए, तो सारा भेद खुल गया.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बंगाल के आसनसोल निवासी सेवानिवृत चीफ इंजीनियर अमल मन्ना को धमकाकर जून में साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. अमल को करीब तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा रहा और 3.86 करोड़ रुपये ठग लिए. पूरे मामले को लेकर बंगाल साइबर ब्रांच के दारोगा दीपांकर देवनाथ ने बताया कि जांच में शाहजहांपुर के अभिषेक का नाम सामने आया, जिसे गिरफ्तार करने के लिए तीन दिन पहले बंगाल पुलिस आई थी. बुधवार की रात को 10 बजे बंगाल पुलिस ने अभिषेक के घर दबिश दी. इस दौरान घर के महिलाओं का कहना था कि घर में सिर्फ भांजा राजू और महिलाएं हैं. फिर गुरुवार सुबह 8 बजे स्थानीय पुलिस की मदद से दरवाजा खुलवाया गया तो आरोपित साड़ी पहनकर बैठा था. उसे कोर्ट में पेश करने के बाद तीन दिन की रिमांड पर लेते हुए उसे बंगाल ले गई.

