दिल्ली पुलिस ने चार अपराधियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बड़े अपराध को अंजाम देने की योजना बनाते हुए पकड़ा गया था। पुलिस ने बताया कि चार अपराधी बुधवार सुबह करीब 2:20 बजे बहादुर शाह ज़फ़र मार्ग पर पंचोली पार्क के पास एक सफेद कार में सवार थे। जब पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए सिग्नल दिया, तो कार के सवारों ने पुलिस टीम पर गोलीबारी की। पुलिस ने भी आत्मरक्षा में गोलीबारी की, जिसमें चार अपराधियों को गोली लग गई। पुलिस के मुताबिक, इन चारों अपराधियों में से एक रंजन पाठक के खिलाफ आठ मामले दर्ज थे, जबकि अमन ठाकुर और विमलेश मेहता के खिलाफ चार-चार मामले थे।
पुलिस के मुताबिक, इन चारों अपराधियों को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बड़े अपराध को अंजाम देने की योजना बनाते हुए पकड़ा गया था। इन अपराधियों के पास एक संगठन था, जिसे सिग्मा गैंग कहा जाता था। इस गैंग के सदस्यों ने बिहार में कई हत्याएं की थीं, जिनमें ब्रह्मश्री सेना के जिला अध्यक्ष गणेश शर्मा, मदन शर्मा और आदित्य सिंह की हत्या शामिल थी।
इन अपराधियों ने अपने कार्यों को एक प्रदर्शन के रूप में पेश किया था, जिसमें उन्होंने ब्राह्मण समुदाय के लोगों को भी शामिल किया था। उन्होंने दावा किया था कि उनका प्रदर्शन ब्यूरोक्रेसी की गलत नीतियों, पुलिस की अनुचित कार्रवाई और गरीब और弱 वर्ग के जीवन को नष्ट करने के खिलाफ था। उन्होंने दावा किया था कि उनका प्रदर्शन किसी भी जाति, समुदाय या धर्म के खिलाफ नहीं था, और उन्होंने यह भी दावा किया था कि वे कानून का सम्मान करते हैं।
इन अपराधियों के खिलाफ एक मामले में गाड़ा पुलिस स्टेशन में दायर किया गया था, जिसमें उन्होंने 45 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी और शिकायतकर्ता को मारने की धमकी दी थी। इन अपराधियों के खिलाफ एक अन्य मामले में चोरहाट पुलिस स्टेशन में दायर किया गया था, जिसमें उन्होंने एक CSP ऑपरेटर श्रवण यादव की हत्या की थी, जिसे उन्होंने उनके दुकान में छह गोलियां मारकर मार दिया था।
इन अपराधियों के खिलाफ एक अन्य मामले में ब्रह्मश्री सेना के पूर्व अध्यक्ष गणेश शर्मा की हत्या की गई थी, जिसे उन्होंने तीन गोलियां मारकर मार दिया था।