बागपत से लखनऊ तक गुहार, फिर भी तालाब बना गांव के लिए नर्क! कब मिलेगा समाधान?
बागपत जिले के सांकरौद गांव के ग्रामीण पिछले 20 वर्षों से तालाब की सफाई की मांग को लेकर अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. तालाब ओवरफ्लो होकर मुख्य मार्ग और आसपास के मकानों को प्रभावित कर रहा है. जिससे पूरे क्षेत्र में गंदगी फैल गई है और संक्रमणजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन से बार-बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. यदि जल्द सफाई नहीं कराई गई तो वे आंदोलन जैसी आगे की रणनीति पर विचार करेंगे.
ग्रामीणों का आरोप है कि तालाब का पानी ओवरफ्लो होकर मुख्य मार्गों तक फैल जाता है, जिससे आसपास बने मकानों को नुकसान पहुंच रहा है. कई घर नमी और पानी के कारण क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. तालाब की लंबे समय से सफाई न होने के कारण उसमें गंदगी जमा हो गई है, जिससे गांव में संक्रमित बीमारियां फैल रही हैं. बरसात के मौसम में स्थिति और भी खराब हो जाती है और रास्तों से गुजरना तक मुश्किल हो जाता है. राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने बागपत से लेकर लखनऊ तक के अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया, फिर भी तालाब की सफाई या खुदाई का कार्य शुरू नहीं हुआ है.20 साल बाद भी तालाब बदहाल
ग्रामीणों का कहना है कि यदि उनकी समस्या का जल्द समाधान नहीं किया गया, तो वे आगे की रणनीति बनाने को मजबूर होंगे. पिछले 20 वर्षों से गांव के लोग तालाब की गंदगी और ओवरफ्लो की मार झेल रहे हैं. लगातार अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ग्रामीण अब भी प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि आखिर कब उनकी वर्षों पुरानी तालाब की सफाई और खुदाई की मांग पूरी होगी.
ग्रामीण जगपाल सिंह ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से गांव के तालाब में गंदगी जमी हुई है. उन्होंने ग्राम प्रधान से लेकर तमाम अधिकारियों तक इस समस्या की जानकारी दी, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्हें धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा. वहीं, ग्रामीण आदित्य धामा ने कहा कि तालाब की सफाई न होने की स्थिति में वे अन्य ग्रामीणों के साथ मिलकर आगे की रणनीति पर विचार करेंगे और इस मुद्दे की शिकायत बागपत से लेकर लखनऊ तक करेंगे.