भाई दूज का पर्व: इस दिन लोग अपनी बहन के घर भोजन करना शुभ मानते हैं, जिससे कल्याण और समृद्धि मिलती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, 23 अक्टूबर को भैया दूज का पर्व मनाया जाएगा. यह पर्व सदियों पुराना है और इससे कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।
हिंदू धर्म में भारतीय परंपरा के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को एक ऐसा पर्व मनाया जाता है, जो भाई बहनों के अटूट प्रेम और रक्षा का प्रतीक भी माना जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को कभी यमुना ने यम को अपने घर पर भोजन के लिए आमंत्रित किया था. इसके बाद यम ने भोजन के बाद यमुना से रक्षा सूत्र बधावाने के बाद यमुना ने उनको पापों से मुक्ति का आशीर्वाद दिया था तभी से कहा जाता है कि यह परंपरा चली आ रही है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन लोग अपनी बहन के घर में प्रेम से भोजन करना शुभ मानते हैं. ऐसा करने से कल्याण और समृद्धि की प्राप्ति भी होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, 23 अक्टूबर को भैया दूज का पर्व मनाया जाएगा, जिसमें तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:13 से लेकर 3:28 तक रहेगा .
सोना चांदी देने के फायदे
अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. इस दिन अगर भाई अपनी बहनों के घर पर जाकर भोजन करते हैं, तो यह बेहद शुभ होता है. इसके बदले में भाइयों को अपने बहनों के लिए कुछ उपहार भी भेंट करना चाहिए. धार्मिक ग्रंथ में यह भी बताया गया है कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को अगर भाई अपने बहन को सोने चांदी जैसे आभूषण देते हैं तो यह बेहद शुभ माना जाता है.
पद्म पुराण के अनुसार, जो भी व्यक्ति अपनी विवाहित बहनों को वस्त्र आभूषण उपहार के रूप में देता है, वह वर्ष भर किसी झगड़े में नहीं पड़ता. शत्रुओं का भय भी नहीं होता. धन और यश की प्राप्ति होती है. अगर आप भाई दूज के दिन अपनी बहन के घर पर भोजन ग्रहण करते हैं और बदले में कुछ उपहार भेंट करते हैं तो मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि अकाल मृत्यु से भी मुक्ति मिलती है.