गाजीपुर में दिवाली से पहले मिठाई कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिलाधिकारी के आदेश पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सैदपुर और सदर तहसील क्षेत्रों में नामी दुकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। एडीएम प्रशासन दिनेश कुमार के नेतृत्व में चली इस कार्रवाई ने शहर की कई मशहूर मिठाई दुकानों की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कार्रवाई की ज़द में आए गाजीपुर के दो बड़े नाम—सैदपुर की रामकरन यादव स्वीट हाउस और महुआबाग-टेढ़ीबाजार की अग्रवाल स्वीट्स। दशकों पुरानी रामकरन की दुकान पर छापे के बाद मिठाई प्रेमियों में हैरानी है। कहा जाता है कि कभी यहाँ की मिठाई का स्वाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक ले चुकी थीं। अब जब खाद्य विभाग ने इसी दुकान से सैंपल लिए, तो बरसों से कायम विश्वास पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। वहीं, अग्रवाल स्वीट्स से भी कई सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। फिलहाल विभाग ने संदिग्ध सामग्री सीज़ कर दी है और रिपोर्ट आने के बाद सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
टूटा लोगों का अटूट विश्वास
दशकों पुरानी रामकरन की दुकान, जिसकी मिठाई कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक पसंद करती थीं, अब जांच के घेरे में है। वहीं, अग्रवाल स्वीट्स की क्वालिटी पर भी संदेह जताया गया है। लोगों का इस ब्रांड पर वर्षों से अटूट भरोसा रहा है, लेकिन जब टीम ने घी और मिठाई के सैंपल लिए, तो साफ हो गया कि मिलावट का धंधा किसी VIP दुकान को नहीं छोड़ता।
9 लाख की नकली घी जब्त
कार्रवाई के दौरान खाद्य विभाग ने ₹9 लाख 35 हज़ार की कीमत का 1439 किलो देशी घी (प्रेम जी ब्रांड) सीज़ किया। इसके अलावा 150 किलो खोया, 15 किलो छेना मिठाई और 50 किलो रंगीन चटनी को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया, क्योंकि ये मानव उपभोग के योग्य नहीं पाए गए।
रडार पर ये दुकानें
एडीएम दिनेश कुमार ने बताया कि सभी सैंपल राज्य खाद्य प्रयोगशाला, लखनऊ भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सैदपुर में रामकरन यादव, विन्ध्यांचल यादव और जवाहर लाल के प्रतिष्ठान भी जांच के दायरे में आए हैं। जॉइंट मजिस्ट्रेट सैदपुर और एसडीएम सदर रविश गुप्ता की अगुवाई में चली इस कार्रवाई ने साफ़ संदेश दिया है कि त्योहारों पर किसी को भी ‘जहर’ बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी। गाजीपुर प्रशासन का यह अभियान उन दुकानदारों के लिए कड़ा सबक है, जो मुनाफे के लिए जनता की सेहत से खिलवाड़ करते हैं।