महाराष्ट्र में विदेशी शराब की कीमतों में वृद्धि के बाद, बिक्री में तेजी से गिरावट आई है, जिससे राज्य की उत्पाद शुल्क से प्राप्त आय प्रभावित हुई है। राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर तक केवल 15.1 करोड़ लीटर शराब की बिक्री हुई, जो इसी अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में 32.19 करोड़ लीटर से कम है। पूरे वित्तीय वर्ष में, 2024-25 में 30 करोड़ लीटर, 2023-24 में 27.72 करोड़ लीटर और 2022-23 में 22.52 करोड़ लीटर शराब की बिक्री हुई थी। दिलचस्प बात यह है कि महामारी वर्षों में विदेशी शराब की बिक्री में वृद्धि हुई थी। 2018-19 और 2019-20 में बिक्री 20.77 करोड़ लीटर और 21 करोड़ लीटर थी, जबकि 2017-18 में बिक्री 17.93 करोड़ लीटर थी। शराब की कीमतों में वृद्धि ने देशी शराब की बिक्री पर भी प्रभाव डाला है। सितंबर तक इस वर्ष 21.09 करोड़ लीटर देशी शराब की बिक्री हुई, जो इसी अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में 40.35 करोड़ लीटर से कम है। बिक्री में इस तेज गिरावट ने आय में गंभीर प्रभाव डाला है, जिससे उत्पाद शुल्क की आमदनी सितंबर तक 12,332 करोड़ रुपये तक गिर गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25,467 करोड़ रुपये से कम है।
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में विदेशी शराब की कीमतों में वृद्धि की है, जिसके परिणामस्वरूप बिक्री में गिरावट आई है। उत्पाद शुल्क विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर तक केवल 15.1 करोड़ लीटर शराब की बिक्री हुई, जो इसी अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में 32.19 करोड़ लीटर से कम है। यह गिरावट पूरे वित्तीय वर्ष में भी देखी गई है, जहां 2024-25 में 30 करोड़ लीटर, 2023-24 में 27.72 करोड़ लीटर और 2022-23 में 22.52 करोड़ लीटर शराब की बिक्री हुई थी।
महामारी वर्षों में विदेशी शराब की बिक्री में वृद्धि हुई थी, जो 2018-19 और 2019-20 में 20.77 करोड़ लीटर और 21 करोड़ लीटर थी, जबकि 2017-18 में बिक्री 17.93 करोड़ लीटर थी। लेकिन अब महाराष्ट्र में विदेशी शराब की कीमतों में वृद्धि के बाद, बिक्री में गिरावट आई है।
देशी शराब की बिक्री पर भी शराब की कीमतों में वृद्धि का प्रभाव देखा गया है। सितंबर तक इस वर्ष 21.09 करोड़ लीटर देशी शराब की बिक्री हुई, जो इसी अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में 40.35 करोड़ लीटर से कम है। यह गिरावट आय में भी गंभीर प्रभाव डाली है, जिससे उत्पाद शुल्क की आमदनी सितंबर तक 12,332 करोड़ रुपये तक गिर गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25,467 करोड़ रुपये से कम है।
इस पूरे मामले में महाराष्ट्र सरकार को शराब की कीमतों में वृद्धि के बाद बिक्री में गिरावट के कारणों का पता लगाना होगा और इसके लिए उचित कदम उठाने होंगे।