नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को 2017 में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी पालीवेटिव केयर के दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन की जानकारी देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने केंद्र सरकार से सभी राज्यों से विस्तृत जानकारी मांगी और अदालत को इसकी स्थिति की जानकारी देने के लिए कहा। यह मामला 25 नवंबर को फिर से सुनवाई के लिए आ रहा है।
पेटिशनर डॉ. राजश्री नागराजू के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जय्ना कोथारी ने कहा कि यह याचिका “भारत में सभी व्यक्तियों के लिए पालीवेटिव केयर देने के लिए है, जिससे उनके स्वास्थ्य के अधिकार और जीवन के अंतिम समय में सम्मान के अधिकार को प्रभावी बनाया जा सके।” उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई मरीज घर पर ही देखभाल चाहते हैं और आसानी से यात्रा नहीं कर सकते हैं, जिससे समुदाय की पहुंच महत्वपूर्ण हो जाती है।