अलीगढ़ में बहुत मशहूर है ये खस्ता, लगती है खाने वालों की लाइन; गजब का है स्वाद
अलीगढ़ का नाम सिर्फ तालों और तालीम के लिए ही नहीं, बल्कि यहां के लज़ीज़ फास्ट फूड के लिए भी जाना जाता है. उन्हीं में से एक है दाल की खस्ता, जो नाश्ते से लेकर शाम की चाय तक हर वक्त पसंद की जाती है. रेलवे रोड, सेंटर पॉइंट, सुरेंद्र नगर और नौरंगाबाद की गलियों में जब खस्ता तली जाती है, तो उसकी खुशबू लोगों को अपनी ओर खींच लाती है. ताले के शहर अलीगढ़ में मिलने वाली स्वादिष्ट दाल की खस्ता हर उम्र के लोगों की पसंद है. सुबह-सुबह जब दुकानों पर गर्मागर्म खस्ता निकलती है, तो ग्राहक लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतज़ार करते हैं. बाहर से सुनहरी और कुरकुरी, अंदर से मसालेदार और खुशबूदार यही इसका असली आकर्षण है. त्योहारों, छुट्टियों और बरसात के मौसम में तो इसकी बिक्री दोगुनी हो जाती है. खस्ता बनाने वाले वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि दाल की खस्ता की जान होती है इसकी भराई. इसमें आमतौर पर चना दाल या उड़द दाल का इस्तेमाल किया जाता है. दाल को कुछ घंटों तक भिगोकर पीस लिया जाता है और उसमें अदरक, हरी मिर्च, धनिया, हींग, नमक, लाल मिर्च और गरम मसाला मिलाया जाता है. इस मसालेदार दाल की महक ही लोगों को दुकान तक खींच लाती है. कुछ दुकानदार इसमें हल्का सा अमचूर या सौंफ भी डालते हैं जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है. अलीगढ़ के तस्वीर महल चौराहे पर खस्ता की दुकान लगाने वाले वीरेंद्र बताते है कि दाल की खस्ता बनाने के लिए पहले मैदा या सूजी में घी और नमक डालकर सख्त आटा गूंथा जाता है. फिर छोटी-छोटी लोइयाँ लेकर उनमें दाल की भराई भरी जाती है. इसके बाद गोल आकार देकर धीमी आंच पर घी या तेल में डीप फ्राई किया जाता है. यह धीमी आंच ही इसका रहस्य है. जिससे खस्ता कुरकुरी बनती है और लंबे समय तक क्रंच बनाए रखती है. दाल की खस्ता के साथ मिलने वाली आलू की सब्जी, हरी धनिया-पुदीना चटनी, मीठी इमली की चटनी, और कभी-कभी दही रायता इसका स्वाद दोगुना कर देते हैं. हरी चटनी की ताजगी, इमली की मिठास और दाल की मसालेदारी तीनों मिलकर मुंह में ज़ायका का विस्फोट कर देते हैं. यही वजह है कि हर बाइट खाने के बाद लोग कहते हैं बस एक और दे दो. अलीगढ़ की दाल खस्ता सिर्फ खाने की चीज नहीं, बल्कि यहाँ की गली संस्कृति का हिस्सा है. सुबह के वक्त दुकानों के बाहर लगी कतारें, गर्म तेल में तली जा रही खस्ता की खुशबू और दुकानदार का हुनर यह सब मिलकर शहर की रौनक बढ़ा देते हैं. सेंटर पॉइंट, रामघाट रोड और सुरेंद्र नगर जैसे इलाकों में तो लोग खास तौर पर सिर्फ खस्ता खाने के लिए आते हैं. इन स्वादिष्ट खस्ता को खाने के लिए सुबह के समय खास भीड़ नजर आती है जो सिर्फ खस्ता का नाश्ता करने के लिए ही घर से आए होते हैं. दाल के इन खस्ता के साथ मिलने वाली आलू की सब्जी और खट्टी चटने व रायता इन खस्ताओं का स्वाद दोगुना कर देता है. जिनका स्वाद लेने के लिए आसपास के ही नहीं बल्कि दूर-दूर के लोग भी यहां खस्ता खाने आते हैं. अलीगढ़ में मिलने वाले इन खस्ता की अगर कीमत की बात की जाए तो मात्र ₹20 प्रति पीस के हिसाब से यह खस्ता अलीगढ़ के सेंटर पॉइंट, रामघाट रोड, तस्वीर महल चौराहा और सुरेंद्रनगर जैसे इलाकों मे मिल जाते हैं. सुबह के नाश्ते के तौर पर इन खस्ता को खाने वाले लोग इन्हें सिर्फ खाते ही नहीं है. बल्कि घर के लिए भी पैक करा कर ले जाते हैं. ताले के शहर अलीगढ़ में अब यह खस्ता अपनी खास पहचान बन चुके हैं.