उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक दिल को छू लेने वाली कहानी सामने आई है, जो पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. यहां एक बुजुर्ग दंपती ने न सिर्फ जिंदगी भर साथ निभाया, बल्कि मौत के बाद भी उनका साथ नहीं टूटा. पत्नी के निधन के 12 घंटे के भीतर पति ने भी प्राण त्याग दिए और दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया.
यह मामला झांसी जिले के गरौठा थाना क्षेत्र के इंद्रानगर का है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां 76 वर्षीय रामरतन गुप्ता अपनी 70 वर्षीय पत्नी रामदेवी गुप्ता के साथ रहते थे. रामरतन बड़े कारोबारी थे. झांसी में उनका भरा-पूरा परिवार है. अब ये दोनों बुजुर्ग दंपति चर्चाओं में हैं।
76 वर्षीय रामरतन गुप्ता और उनकी करीब 70 वर्षीय पत्नी रामदेवी ने एक साथ 50 वर्षों का वैवाहिक जीवन बिताया और जब मौत आई, तो उसने भी उनके प्यार को अलग नहीं कर पाया. एक-दूसरे के बिना जीना उनके लिए मुमकिन नहीं था. रामदेवी की तबीयत 4 अक्टूबर की सुबह अचानक बिगड़ी और उनका निधन हो गया. इस दुःख की खबर घर में फैली, तो रिश्तेदार और परिचित एकत्रित हो गए. उनके पार्थिव शरीर को बेटे के आने तक फ्रीजर में रखा गया. लेकिन, इस दुःख को सहना रामरतन के लिए बेहद मुश्किल हो गया. उन्होंने पत्नी के अंतिम संस्कार से पहले ही प्राण त्याग दिए.
मौत के बाद भी साथ, एक ही चिता पर हुआ अंतिम संस्कार
रविवार सुबह 9 बजे, गरौठा नगर में रामरतन और रामदेवी का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया. दोनों की अर्थी एक साथ उठी, जिसे देख सभी मौजूद लोग भावुक हो उठे. स्थानीय लोग इस घटना को सच्चे प्रेम और समर्पण का अद्भुत उदाहरण बता रहे हैं. वेद शास्त्रों के अनुसार, पति-पत्नी का साथ पंछतत्त्व में एक साथ विलीन होना बेहद दुर्लभ माना जाता है।
गरौठा में शोक, और पुण्य आत्माओं की शांति की प्रार्थना
गरौठा नगर में शोक का माहौल है. पूरा कस्बा इस जोड़े की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है. रामरतन गुप्ता, जो एक प्रतिष्ठित व्यापारी थे, और उनकी पत्नी रामदेवी की जोड़ी ने साबित कर दिया कि सच्चा प्यार जीवन भर साथ निभाता है, यहां तक कि मौत के बाद भी. बता दें, रामरतन के तीन बच्चे अरविंद, धमेंद्र और उपेंद्र गुप्ता हैं. रतन गुप्ता मूल रुप से हमीरपुर जिले के रहने वाले थे और शादी के यहां आकर रहने लगे थे.