बरेली हिंसा की जांच कर रही पुलिस करीब 350 फोन सर्विलांस पर लगा रखी है, जो हिंसा के बाद से फरार हुए आरोपियों के हैं। इसके अलावा, पुलिस ने कई सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी जांच की है, जिन्होंने भड़काऊ पोस्ट किए थे। बरेली हिंसा को हुए 10 दिन हो चुके हैं, और इस दौरान 60 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें मौलाना तौकीर रजा भी शामिल हैं।
हिंसा की जांच में जुटी पुलिस लगातार बड़े-बड़े खुलासे कर रही है। इसके अलावा, हिंसा का मामला अब राज्य मानवाधिकार आयोग के पास पहुंच चुका है। आई लव मोहम्मद का जुलूस निकल रहे लोगों पर पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई की शिकायत राज्य मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराई गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने यह शिकायत दर्ज कराई है।
बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) और जिला प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को बुलडोजर चलाकर हिंसा के एक आरोपी के स्वामित्व वाले ‘रज़ा पैलेस’ बैंक्वेट हॉल को ध्वस्त कर दिया। बरेली के जिलाधिकारी (डीएम) अविनाश सिंह की देखरेख में यह कार्रवाई शनिवार सुबह शुरू हुई और कई घंटों तक चली। अधिकारियों के अनुसार, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तोड़फोड़ से पहले पूरे इलाके की बिजली काट दी गई थी।
बरेली हिंसा को लेकर जिले के पुलिस अधिकारी, डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि आई लव मोहम्मद के पोस्टर कभी मुद्दा नहीं थे। बल्कि आपत्ति बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने को लेकर थी, जिसकी वजह से कानून व्यवस्था बिगड़ गई थी।
बरेली हिंसा की जांच कर रही पुलिस का मानना है कि बवाल के बाद ज्यादातर आरोपित कार व बाइक से शहर से भागे होंगे। ऐसे में उनकी खोजबीन के लिए टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। वहीं आशंका है कि कुछ आरोपी बस व ट्रेन से फरार हुए हैं तो रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है।
बरेली हिंसा में शामिल मौलाना तौकीर के करीबियों और समर्थकों की तलाश तेज हो गई है। करीब ऐसे 350 आरोपियों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाकर उनकी लोकेशन ढूंढी जा रही है। साथ ही भड़काऊ पोस्ट करने वाले 117 सोशल मीडिया अकाउंट की भी जांच की जा रही है।