कानपुर में भव्य प्रदर्शनी का आयोजन, 22 राज्यों के कलाकार अपनी पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे
कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में इस बार एक भव्य प्रदर्शनी का आयोजन नवनिर्मित कन्वेंशन सेंटर में हो रहा है. चार से आठ अक्टूबर तक चलने वाले इस आयोजन का उद्घाटन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया है. देशभर के 22 राज्यों से आए कलाकार अपनी पारंपरिक कलाओं और हुनर का प्रदर्शन करेंगे. इस प्रदर्शनी में 100 से अधिक उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे लोगों को खरीदारी का अवसर मिलेगा और साथ ही उन्हें कलाओं के निर्माण की प्रक्रिया को देखने का अनुभव भी होगा.
कानपुर में इस प्रदर्शनी का आयोजन लाजपत भवन की जगह नवनिर्मित कन्वेंशन सेंटर में हो रहा है. यह कानपुर के कन्वेंशन सेंटर का पहला बड़ा आयोजन होगा, जिसको लेकर शहरवासियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. इस प्रदर्शनी में देशभर के 22 राज्यों से कलाकार और हुनरबाज हिस्सा लेने आ रहे हैं, जिनमें से 100 से ज्यादा पारंपरिक उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे.
राजस्थान की लाख की चूड़ियां, ओडिशा की पट्टचित्र पेंटिंग, उत्तर प्रदेश की कांच की कलाकृतियां और राजस्थान की मिनिएचर पेंटिंग जैसी कलाएं यहां आकर्षण का केंद्र होंगी. संस्था की संस्थापक अनारबेन पटेल ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य कलाकारों को बाजार उपलब्ध कराना और लोगों को परंपरागत कलाओं से जोड़ना है. दीपावली और छठ जैसे त्योहारों के पहले इस प्रदर्शनी में लोगों को खरीदारी का अनोखा मौका मिलेगा.
इस प्रदर्शनी में कई नेशनल अवार्ड और पद्मश्री सम्मान प्राप्त कारीगर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. साथ ही, पहली बार देश में दो कलाकारों को मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा. कश्मीर की कलाकार जाहिदा अमीन और राजस्थान के नंद किशोर शर्मा को पारंपरिक कलाओं को जीवित रखने और आगे बढ़ाने के लिए यह सम्मान मिलेगा. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उद्घाटन के मौके पर ही इन कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा.
शहरवासियों में उत्साह, कन्वेंशन सेंटर का पहला आयोजन
मोतीझील के लाजपत भवन की जगह अब जब यह आयोजन कन्वेंशन सेंटर में हो रहा है तो स्थानीय लोगों का उत्साह और भी बढ़ गया है. शहर का यह नया कन्वेंशन सेंटर आधुनिक सुविधाओं से लैस है और इस प्रदर्शनी के साथ यहां का पहला बड़ा सांस्कृतिक आयोजन होगा. लोगों का कहना है कि त्योहारों से पहले ऐसी प्रदर्शनी न सिर्फ खरीदारी का बेहतरीन अवसर है, बल्कि यहां अलग-अलग राज्यों की परंपराओं और कलाओं को करीब से जानने और देखने का मौका भी मिलेगा.