जौनपुर में एक दिलचस्प घटना सामने आई है, जिसमें एक 75 वर्षीय बुजुर्ग की सुहागरात के अगले दिन ही मौत हो गई। गौरा बादशाहपुर थाना क्षेत्र के कुछमुछ गांव में रहने वाले संगरूराम की शादी के बाद उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
संगरूराम की पत्नी का निधन एक वर्ष पहले हो गया था और उन्होंने अकेलेपन में टूटने के कारण दूसरी शादी करने का निर्णय लिया था। दुल्हन के रूप में उन्हें 35 वर्षीय मनभावती मिली, जो पहले से विवाहिता रही और दो बच्चों की मां थी। दोनों ने कोर्ट मैरिज और मंदिर में विवाह कर नया जीवन शुरू करने का सपना देखा।
शादी के बाद संगरूराम ने पत्नी को आश्वस्त किया था कि “तुम तनाव मत लेना, खेत-बाड़ी और कमाई सब मैं संभाल लूंगा.” उन्होंने पत्नी को बच्चों पर ध्यान देने के लिए कहा और यह भरोसा दिलाया कि जिंदगी दोबारा खुशहाल होगी। शादी के खर्च के लिए उन्होंने अपनी जमीन का हिस्सा बेचकर लगभग 20 हजार रुपये खर्च किए और बाकी रकम बचा रखी।
बुजुर्ग की मौत के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार रोकते हुए शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच कराई और रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट रूप से ब्रेन हैमरेज और शॉक बताया गया। इसके बाद भी भतीजों ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया, जिससे गांव में कानाफूसी और तेज हो गई।
ग्रामीणों का कहना है कि बुजुर्ग के पास बची हुई 15 बिस्सा जमीन अब किसके हिस्से जाएगी, यही असली विवाद की जड़ है। पुलिस की जांच और भविष्य की स्थिति के बारे में केराकत के सीओ अजीत सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत प्राकृतिक कारणों से होना सामने आया है।
थाना प्रभारी प्रवीण यादव ने भी पुष्टि करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच में कोई आपराधिक पहलू नहीं दिखता, लेकिन विवेचना के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगी। गांव में लोग आज भी यह चर्चा कर रहे हैं कि आखिर भतीजों ने मुकदमा दर्ज क्यों नहीं कराया, जबकि संदेह जाहिर करने का दावा उन्होंने ही किया था।