उत्तर प्रदेश सरकार ने धान खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है. खाद्य एवं रसद विभाग ने साफ किया है कि सिर्फ रजिस्टर्ड किसान ही अपनी फसल सरकारी खरीद केंद्रों पर बेच पाएंगे. सरकार का मानना है कि इस व्यवस्था से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिलेगा.
यूपी के किसानों के लिए बड़ी खबर है. गौरतलब है कि यूपी में धान खरीद की प्रक्रिया 1 अक्टूबर से शुरू हो गई है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश और लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर खीरी और सीतापुर जिलों में पहले चरण में खरीद होगी। वहीं, पूर्वी यूपी और लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली और उन्नाव जिलों में धान खरीद 1 नवंबर से शुरू होगी. सरकार ने इस बार धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की है. साधारण धान का एमएसपी 2369 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान का एमएसपी 2389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि किसानों को भुगतान 48 घंटे के भीतर किया जाए.
वहीं दलालों का दखल रोकने के लिए धान बेचने के लिए किसानों का पंजीकरण जरूरी किया गया है. पंजीकरण खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट fcs.up.gov.in या मोबाइल ऐप UP Kisan Mitra पर कराया जा सकता है. केवल पंजीकृत किसानों से ही खरीद होगी. UP Kisan Mitra मोबाइल एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. पंजीकरण के लिए आधार से लिंक बैंक खाता और OTP वेरिफिकेशन जरूरी है. किसानों को सुविधा देने के लिए पंजीकरण और नवीनीकरण जन सेवा केंद्र (CSC) से भी कराया जा सकता है. किसान किसी भी जानकारी या सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-1800-150 पर कॉल कर सकते हैं या अपने जिले के खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील स्तर पर क्षेत्रीय विपणन अधिकारी और ब्लॉक स्तर के विपणन निरीक्षक से संपर्क कर सकते हैं.
बिचौलियों पर लगेगी लगाम
खीरी जनपद में इस साल धान की खरीदारी के लिए 124 केंद्र बनाए गए हैं. इन केंद्रों पर धान की खरीद 3 अक्टूबर से शुरू होकर 31 जनवरी तक चलेगी. वहीं किसानों को भुगतान सीधे आधार लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा. बिचौलियों को रोकने व पारदर्शिता बरतते हुए क्रय केंद्रों पर धान की खरीद ई-पॉप (इलेक्ट्रॉनिक प्वॉइंट ऑफ परचेज) डिवाइस के माध्यम से पहले की भांति किसानों के बायोमीट्रिक सत्यापन के जरिए ही होगी.

