अलीगढ़ के मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना इफराहीम चौधरी ने बताया कि इस्लाम में सच्ची तौबा और इंसाफ के साथ हर गुनाह की माफी है, अल्लाह रहम और माफी देने वाला है. उन्होंने कहा कि इस्लाम मज़हब इंसानियत को अपनाने और गुनाहों से बचने की तालीम देता है. गुनाह चाहे सगीरा यानी कि छोटा गुनाह हो या कबीरा मतलब कि बड़ा गुनाह हो. अल्लाह की जात इतनी बड़ी है कि अगर कोई बंदा सच्चे दिल से तौबा कर ले और रहमत का तलबगार बने और आइंदा गुनाह न करने का इरादा रखे तो अल्लाह तआला उसे माफ़ कर देता है. छोटे गुनाह नेक आमाल और दुआओं से माफ हो जाते हैं, जबकि बड़े गुनाह तौबा के साथ माफ़ होते हैं.
मौलाना ने कहा कि इस्लाम बड़ा लचीला मजहब है और इसमें तशद्दुद नहीं है. अल्लाह की जात बहुत बड़ी है, वह माफ़ करने वाली और रहम करने वाली है. गुनाह सगीरा हो या कबीरा. अगर इंसान तौबा कर ले, अल्लाह से माफी मांग ले और आइंदा गुनाह न करने का पक्का इरादा कर ले तो अल्लाह तआला हर गुनाह माफ़ कर देता है. उन्होंने कहा कि छोटे गुनाह दुआओं और नेक आमाल से माफ हो जाते हैं, जबकि बड़े गुनाह तौबा के साथ माफ़ होते हैं. लेकिन शर्त यह है कि इंसान अल्लाह को सुप्रीम पावर मानते हुए सच्चे दिल से तौबा करे और जिन हुक़ूक़ुल इबाद में कोताही हुई है उन्हें पूरा करे.
मौलाना ने बताया कि जहन्नुम में वही लोग जाएंगे, जो तौबा नहीं करेंगे अपने गुनाहों पर अड़े रहेंगे. अल्लाह की खुदाई का इनकार करेंगे, तकब्बुर करेंगे और इंसानों पर ज़ुल्म करेंगे. ऐसे लोग बेशक जहन्नुम में जाएंगे. अगर किसी का माल छीना हो, हक़ मारा हो और बाद में इंसाफ करके अदा कर दिया तो अल्लाह तआला माफ़ कर देगा. उन्होंने कहा कि हर गुनाह की माफी है, लेकिन सच्ची तौबा और इंसाफ के साथ.

