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गुजरात साइबर अपराध शोधन इकाई ने ऑनलाइन बेटिंग घोटाले को उजागर किया जिसकी कुल कीमत कई करोड़ रुपये है।

जिग्नेश ने अपने दोस्त हर्ष, विवेक, निकिन और रविंद्र से प्राप्त 17 खातों के अलावा अपने दो खातों को भी प्रदान करने की पुष्टि की। एक और हैरान करने वाली खुलासा यह है कि जिग्नेश ने अपने साथी जितेंद्र के साथ मिलकर दो साल से अधिक समय में 12 शेल कंपनियों की स्थापना की। इन फर्जी कंपनियों ने कई वर्तमान खाते खोले, जिससे जोड़ी ने ई-कॉमर्स और गेमिंग लेनदेन के रूप में 1.35 करोड़ रुपये की चोरी करने में सक्षम हुई। नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीसीआरपी) में गहराई से खोज के बाद, यह गिरोह 67 धोखाधड़ी की शिकायतों से जुड़ा हुआ पाया गया, जिसमें फर्जी निवेश योजनाएं, नौकरी के ऑफर और ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम शामिल थे, जिसमें 7.96 करोड़ रुपये की चोरी हुई। शिकायतें महाराष्ट्र (11 मामले), गुजरात (6), उत्तर प्रदेश (3), हरियाणा (3), मध्य प्रदेश (3) और दिल्ली (2) में फैली हुई थीं, जिससे यह पता चलता है कि यह गिरोह देशव्यापी स्तर पर काम करता है। साइबरक्राइम ब्रांच अब पैसे के ट्रेल और डिजिटल फुटप्रिंट का पता लगा रही है, क्योंकि यह बहु-राज्य साइबर माफिया ऑनलाइन अवैध धन को साफ करने वाले बेटिंग कार्टेल और वित्तीय धोखाधड़ी नेटवर्क के साथ मजबूत संबंधों का पता लगा रहा है।

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