जौनपुर में बढ़ते फ्लू के खतरे के बारे में जानकारी
जौनपुर में मौसम बदलते ही बच्चों में सर्दी-जुकाम और बुखार के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं। ऐसे में फ्लू का एक खतरनाक रूप H3N2 वायरस इन दिनों चर्चा में है। यह वायरस बच्चों को जल्दी अपनी चपेट में ले सकता है। जौनपुर के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गुंजन पटेल ने अभिभावकों को सचेत करते हुए कहा कि अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं, तो लापरवाही बिल्कुल न बरतें। यह वायरस बच्चों के लिए सामान्य सर्दी-जुकाम से ज्यादा गंभीर साबित हो सकता है।
डॉ. पटेल ने बताया कि H3N2 एक तरह का इन्फ्लुएंजा वायरस है, जो इंसान से इंसान में आसानी से फैलता है। यह खास तौर पर उन बच्चों को प्रभावित करता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। उन्होंने कहा कि माता-पिता को बच्चों के लक्षणों पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
H3N2 से संक्रमित बच्चों में तेज बुखार, गले में खराश, लगातार खांसी, सिरदर्द, बदन दर्द, उल्टी या दस्त जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। कई बार बच्चे बहुत ज्यादा सुस्त और चिड़चिड़े भी हो जाते हैं। अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।
डॉ. गुंजन पटेल ने बताया कि यह वायरस खांसने-छींकने या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। बच्चे अक्सर स्कूल, पार्क या खेल के मैदान में अन्य बच्चों के संपर्क में आते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि रोकथाम ही H3N2 से बचने का सबसे सुरक्षित तरीका है। डॉ. पटेल ने माता-पिता को सलाह दी है कि—
बच्चों को बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
खांसते-छींकते समय मुंह और नाक ढकने के लिए कहें।
स्कूल से लौटने के बाद कपड़े बदलने और हाथ-पैर धोने पर जोर दें।
भीड़भाड़ वाले इलाकों में बच्चों को ले जाने से बचें।
बच्चों को संतुलित और पौष्टिक आहार दें ताकि उनकी इम्युनिटी मजबूत रहे।
उन्होंने यह भी बताया कि हर साल फ्लू वैक्सीन लगवाना काफी हद तक बच्चों को सुरक्षित कर सकता है।
डॉ. पटेल ने चेतावनी दी कि अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह वायरस बच्चों के फेफड़ों तक पहुंच सकता है और न्यूमोनिया जैसी गंभीर बीमारियां पैदा कर सकता है। ऐसे में माता-पिता को लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।
डॉ. गुंजन पटेल ने कहा कि अगर आपके घर में बच्चे हैं तो H3N2 को हल्के में न लें। शुरुआती लक्षण दिखते ही बच्चों को डॉक्टर को दिखाएं और स्वच्छता का खास ख्याल रखें। सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है। साफ है कि बदलते मौसम में यह वायरस बच्चों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। ऐसे में अभिभावकों को पूरी सतर्कता बरतनी होगी ताकि छोटे बच्चे सुरक्षित रह सकें।

