Uttar Pradesh

मेरठ समाचार: आजम खान की रिहाई पर सियासी गीत गूंजा, बीजेपी नेताओं ने सपा पर निशाना साधा

आजम खान की रिहाई पर गूंजा सियासी गीत, बीजेपी नेताओं ने साधा सपा पर निशाना

उत्तर प्रदेश के मेरठ में तेईस महीने की जेल यात्रा पूरी करने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता आजम खान आखिरकार जमानत पर रिहा हो गए. जेल से बाहर आते ही उन्होंने मीडिया से बातचीत में एक मशहूर गीत “पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है” के बोल गुनगुनाए. आजम खान का यह अंदाज उनके भीतर की पीड़ा का इशारा माना जा रहा है।

भाजपा नेताओं ने चुटकी लेते हुए तंज कसा और समाजवादी पार्टी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए. गीत से जताई पीड़ा, बीजेपी नेताओं ने साधा निशाना आजम खान के शेर-जैसे अंदाज में गीत गुनगुनाने को भाजपा नेताओं ने सीधे तौर पर उनकी नाराजगी और दर्द का इजहार बताया. भाजपा नेताओं का कहना है कि जिस पार्टी को आजम खान ने पाला-पोसा, उसी ने उन्हें संकट की घड़ी में अकेला छोड़ दिया. यही वजह है कि वे गीत के जरिए अपना दर्द जाहिर कर रहे हैं।

सपा से सम्मान की उम्मीद बेकार: डॉ. सोमेंद्र तोमर यूपी के ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर ने कहा कि आजम खान का दर्द पूरी तरह जायज है. पार्टी का कोई ज़िम्मेदार नेता उनकी रिहाई के वक्त जेल पर स्वागत करने तक नहीं पहुंचा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “सपा से सम्मान की उम्मीद करना बेकार है.” साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि आज़म ख़ान का लंबा राजनीतिक अनुभव उन्हें सही फैसला करने में मदद करेगा।

गीत में छुपा दर्द, सपा पर लानत: पंडित सुनील भराला भाजपा नेता पंडित सुनील भराला ने कहा कि आजम खान ने बड़ा अच्छा गीत गुनगुनाया और उसी से अपने दिल का दर्द बयां किया. उन्होंने सपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जिस पार्टी को उन्होंने सींचा और मज़बूत किया, आज वही उनके साथ दोहरा रवैया अपना रही है. भराला ने कहा, “सपा पर लानत है, जिसने अपने ही दिग्गज नेता का ऐसा अपमान किया.”

सपा कर रही है अपमान: बासित अली भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली ने भी आजम खान के पक्ष में बयान दिया. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी लगातार आजम खान का अपमान कर रही है. पार्टी में इतना योगदान देने के बावजूद आज़म को वह सम्मान नहीं दिया जा रहा जिसके वे हक़दार हैं।

सियासत में नया मोड़? आजम खान का गीत गुनगुनाना और भाजपा नेताओं की प्रतिक्रियाएं साफ़ इशारा करती हैं कि आने वाले समय में प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं. लंबे समय तक सपा के लिए मजबूत स्तंभ रहे आजम खान अब किस रास्ते का चुनाव करेंगे, यह सभी की निगाहों का केंद्र बना हुआ है.

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