कानपुर पुलिस ने मूक-बधिरों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब कानपुर पुलिस के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है, जिससे वे इशारों की भाषा को समझ पाएंगे. यह ट्रेनिंग साइन लैंग्वेज की है, जिससे पुलिसवाले न सिर्फ मूक-बधिर लोगों की शिकायतें सुन पाएंगे, बल्कि उन्हें सही न्याय दिलाने में भी मदद कर पाएंगे.
अब तक पुलिस सिर्फ बोलकर और सुनकर ही बात करती थी, लेकिन अब वे इशारों की भाषा को भी समझ पाएंगे. इस ट्रेनिंग से पुलिसवाले मूक-बधिर लोगों की समस्याओं को समझकर उन्हें सही न्याय दिलाने में मदद कर पाएंगे. इससे समय भी बचेगा और पीड़ित को तुरंत मदद भी मिल पाएगी.
हर थाने में होगा एक्सपर्ट
इस ट्रेनिंग के बाद, अब हर थाने में कम से कम एक ऐसा पुलिसकर्मी होगा, जिसे साइन लैंग्वेज आती हो. इसका मतलब है कि अगर कोई मूक-बधिर व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर किसी भी थाने में जाएगा, तो उसे तुरंत एक ऐसा पुलिसवाला मिलेगा जो उसकी बात को अच्छी तरह समझ सके. इससे मूक-बधिर लोगों को अपनी समस्या लेकर थाने जाने में कोई परेशानी नहीं होगी.
इस पहल की शुरुआत ‘अखिल उत्तर प्रदेश बधिर संस्था’ की ओर से की गई है. संस्था के अध्यक्ष ने बताया कि यह एक बहुत ही जरूरी कदम था. उन्होंने कहा कि अक्सर मूक-बधिर लोगों को लगता था कि उनकी आवाज को कोई सुनता ही नहीं, लेकिन अब पुलिस खुद उनकी जुबान बनकर उनकी मदद करेगी.