अलीगढ़ अपने तालों और हार्डवेयर इंडस्ट्री के लिए दुनियाभर में मशहूर है. यहां के ताले सबसे अधिक ताकतवर और भरोसेमंद माने जाते रहे हैं. मार्केट में इन तालों की जबरदस्त डिमांड रहती है. अलीगढ़ को ताला नगरी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां कई तरह के ताले बनते हैं, जिनमें मल्टी लॉक एक प्रमुख है. इसे अलीगढ़ के कई कारखानों में तैयार किया जाता है और मार्केट में इसकी जबरदस्त डिमांड है, जिसका इस्तेमाल फर्नीचर से लेकर कई अहम जगहों तक होता है.
अलीगढ़ के ताला कारोबारी मोहम्मद जमाल अहमद बताते हैं कि मेरे यहां बड़े पैमाने पर मल्टी लॉक बनाए जाते हैं. मल्टी लॉक की मार्केट में काफी डिमांड रहती है, क्योंकि यह अलग-अलग तरह के फर्नीचर और सामानों में इस्तेमाल किया जाता है. जहां भी ताला लगाने की जरूरत होती है, वहां सबसे पहले अलीगढ़ के मल्टी लॉक का नाम आता है. मजबूती के लिहाज से भी यह ताला काफी मजबूत होता है, जिससे सामान की सुरक्षा और भी ज्यादा हो जाती है.
मल्टी लॉक कई तरह के रॉ मटेरियल से तैयार किया जाता है, जिसमें प्लास्टिक, जिंक और ब्रास शामिल हैं. प्लास्टिक वाला लॉक लगभग 30 रुपये का होता है, जबकि ब्रास वाला लगभग 50 रुपये का और जिंक वाला करीब 100 रुपये का होता है. इसकी डिमांड बहुत ज्यादा है, क्योंकि इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है. इसे सिर्फ हिंदुस्तान में ही नहीं, बल्कि कई देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है.
अलीगढ़ के ताला कारोबारी मोहम्मद जमाल बताते हैं कि हमारे यहां रोजाना तकरीबन 1000 मल्टी लॉक तैयार किए जाते हैं. इसके लिए लगभग 35 से 40 ऑपरेशन्स किए जाते हैं जो स्टेप बाय स्टेप पूरे होते हैं. तब जाकर एक ताला पूरी तरह तैयार होता है. फिर कहीं जाकर यह मार्केट में उतरता है और मार्केट से लोगों के हाथ तक पहुंचता है. यह घर और ऑफिस के सभी फर्नीचर में लॉक करने में काम आता है, जैसे कि मेज, ड्रेसिंग टेबल, सेफ, रेक आदि.

