गूलर के औषधीय गुण: एक ऐसा पौधा जो कई बीमारियों का इलाज करता है
हमारे आस-पास कई ऐसे पेड़-पौधे मौजूद हैं जिन्हें हम अक्सर साधारण मानकर नज़रअंदाज कर देते हैं, जबकि वही पौधे बड़ी से बड़ी बीमारी से निजात दिलाने में कारगर औषधि साबित हो सकते हैं। इन्हीं में से एक है गूलर का पेड़, जिसे आयुर्वेद में ‘हकीमों का सरदार’ कहा जाता है। इसका फल, छाल, दूध, तना और फूल सब किसी न किसी बीमारी में दवा की तरह काम आते हैं।
आयुष चिकित्सा में एक दशक का अनुभव रखने वाली डॉ. स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि गूलर अंजीर की तरह दिखता है और इसके सेवन से शरीर को ताक़त, फुर्ती और जवानी जैसी ताजगी मिलती है। गूलर का पौधा एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-पायरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-डायबिटिक गुणों से भरपूर होता है। यही वजह है कि यह डायबिटीज, लीवर डिसऑर्डर, बवासीर, डायरिया, फेफड़ों की बीमारी, ल्युकोरिया, आंख-कान दर्द, नकसीर और महिलाओं की ब्लीडिंग जैसी गंभीर समस्याओं में औषधि का काम करता है। गौरतलब है कि गूलर एक कॉम्बो पैक दवा है, जो कई बीमारियों में कारगर साबित होती है। बस सही मात्रा और तरीके से इसका उपयोग किया जाए तो यह बड़ी से बड़ी समस्या को दूर कर सकता है।
गूलर के उपयोग:
डायबिटीज: गूलर की छाल का पाउडर मिश्री मिलाकर सुबह-शाम दूध के साथ लें।
पाइल्स: छाल को जलाकर उसकी राख कंजी के तेल के साथ लगाएं।
नकसीर: छाल को पानी में पीसकर तालु पर लगाने से खून रुक जाता है।
शारीरिक कमजोरी: सूखे गूलर का पाउडर रोज़ 10 ग्राम सेवन करें, हड्डियां मज़बूत होंगी।
महिलाओं की ब्लीडिंग: गूलर के 2-3 पके फलों को चीनी या गुड़ के साथ खाकर राहत पाई जा सकती है।
इन रोगों में भी कारगर: डॉ. स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि खूनी बवासीर और भगंदर में भी गूलर बहुत कारगर है। इसके दूध को पानी में मिलाकर पीने से बवासीर में राहत मिलती है और मलाशय की सूजन दूर होती है। गूलर पाचन क्षमता बढ़ाता है, कब्ज, पेट दर्द, गैस और डायरिया से बचाता है। बताशे में गूलर के दूध डालकर खाने से दस्त और पेचिश में आराम मिलता है। गूलर की जड़ का पाउडर, पत्ते भी लूज मोशन में फायदेमंद माने जाते हैं। गूलर की छाल से बने काढ़े से कुल्ला करने पर मुंह के छालों में आराम मिलता है। माउथ अल्सर होने पर मिश्री के साथ इसके पत्ते पीसकर खा सकते हैं।
यह ध्यान रखें कि गूलर एक औषधि है, और इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

