अयोध्या में आज भी मौजूद माता सीता की कुलदेवी, नवरात्रि के पहले दिन उमड़ा सैलाब
आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. देशभर के मंदिरों में जगत जननी जगदंबा की पूजा आराधना के लिए सुबह से ही दुर्गा मंदिरों में भक्तों का ताता लगा हुआ है. अयोध्या में भी माहौल भी कुछ ऐसा ही रहा. सुबह 4:00 से श्रद्धालु सरयू में स्नान कर मंदिरों में मां शैलपुत्री की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना कर पुण्य अर्जित करने पहुंचने लगे. अयोध्या में माता सीता की कुलदेवी छोटी देवकाली माता विराजमान हैं. नवरात्रि के पहले दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां छोटी देवकाली मंदिर पहुंचे. मान्यता है कि यहां नवरात्रि के दौरान पूजा आराधना करने से सभी मन्नतें पूरी होती हैं. इस मंदिर का इतिहास त्रेता युग से जुड़ा हुआ है.
त्रेता युग जब प्रभु राम के साथ विवाह उपरांत माता सीता अयोध्या पहुंचीं तो उस दौरान उनके साथ जनकपुर से छोटी देवकाली माता भी आई. राम मंदिर के ईशान कोण पर माता छोटी देवकली का मंदिर बनवाया गया, जहां उस प्रतिमा को स्थापित किया गया. इसे आज भी माता सीता की कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है. नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में 1100 बत्ती की विशेष आरती होती है और माता रानी की विधि विधान पूर्व पूजा आराधना की जाती है. इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु भी पहुंचते हैं और मनोकामना की पूर्ति के लिए माता से प्रार्थना करते हैं.
छोटी देवकाली मंदिर के प्रधान पुजारी ने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन मां जगत जननी की शैलपुत्री के स्वरूप की पूजा हो रही है. श्रद्धालु मां का दर्शन कर आशीर्वाद ले रहे हैं. यहां माता सीता की कुलदेवी के तौर पर छोटी देवकाली मंदिर में मां विराजमान हैं. मंदिर का कपाट सुबह 6:00 बजे आरती के साथ खुला है. महाआरती में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. रंग के पीठाधीश्वर राम शरण दास ने बताया कि मां शैल पुत्री समाज के कल्याण के लिए सबको अपने आशीर्वाद प्रदान कर रही हैं. मां का आशीर्वाद सब पर बना रहे, यही कामना है.
लोकल 18 से बात करते हुए भक्तों ने मां के दर्शन उपरांत कहा कि माता रानी का नवरात्रि के पहले दिन पूजन अर्चन करके बहुत ही अच्छी अनुभूति हो रही है. मां सबका कल्याण करें. सब को खुश रखें. यही मां से मनोकामना है. अगने नो दिन में यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे.