गोंडा की ऊषा तिवारी ने घर से अचार बनाकर कारोबार शुरू किया, अब 12-15 तरह के अचार बनाती हैं और 200 महिलाओं को रोजगार देते हुए हर महीने 40-50 हजार रुपए टर्नओवर कमा रही हैं।
गोंडा जिले की एक महिला ने अपनी मेहनत और लगन से घर बैठे एक अच्छा कारोबार किया है। उन्होंने घर पर ही कई तरह के अचार बनाकर न सिर्फ लोगों का स्वाद बढ़ाया है, बल्कि अपनी मेहनत से तगड़ी कमाई भी कर रही हैं। शुरुआत में यह महिला अपने परिवार के लिए ही अचार बनाती थीं। लेकिन जब आसपास के लोगों ने इनके स्वाद और गुणवत्ता की तारीफ की, तो उन्होंने इसे कारोबार का रूप देने की सोची। धीरे-धीरे घर के बने अचार की मांग बढ़ने लगी और अब यह महिला ऑर्डर लेकर अलग-अलग किस्म के प्रोडक्ट तैयार कर रही हैं।
गोंडा की ऊषा तिवारी बताते हैं कि उन्होंने इंटर तक की पढ़ाई की उसके बाद उनकी शादी हो गई। फिर वह हाउसवाइफ का काम करने लगीं। एक दिन हम खाना खा रहे थे तो खाने के साथ हम अचार भी लिए थे, फिर मेरे दिमाग में आया कि क्यों न अचार का बिजनेस किया जाए। क्योंकि अचार सभी को काफी पसंद आता है और अचार के बिना थाली अधूरी मानी जाती है। फिर मैंने 4 हजार रुपए इकट्ठा करके छोटे स्तर पर अचार के बिजनेस की शुरुआत की। उससे 2 हजार रुपए का मुनाफा हुआ और मेरा मनोबल और बढ़ गया। फिर मैंने अचार के बिजनेस की शुरुआत बड़े स्तर पर की।
ऊषा तिवारी बताती हैं कि उनके यहां 12 से 15 प्रकार के अचार रहते हैं और उन्होंने बताया कि हमारे यहां सबसे ज्यादा भरवा मिर्चा, आम का अचार और लहसुन के अचार की काफी डिमांड रहती है। हमारे अचार की सप्लाई कुछ तो घर से हो जाती है और कुछ गोंडा शहर के छोटे-छोटे दुकानों और बड़े-बड़े दुकानों से होती है। ऊषा तिवारी बताती हैं कि इस समय हमारे अचार की सप्लाई काफी अच्छी हो रही है। हर महीने में लगभग 40 से 50 हजार रुपए का टर्नओवर हो रहा है।
वहीं उन्होंने बताया कि हमारे समूह में 10 महिलाएं जुड़ी हैं। वहीं अचार की डिमांड जब ज्यादा हो जाती है, तो लगभग 200 महिलाओं को रोजगार देते हैं। उनके घर अचार का मटेरियल पहुंचा देते हैं और वह लोग अचार तैयार करके हमारे यहां भेज देती हैं।
ऊषा तिवारी बताती हैं कि अचार का मसाला तैयार करने के लिए हम बाजार से सारे खड़े मसाले मांगते हैं और उसको अच्छे से धुलाई करके सरसों के तेल मसाले में डालकर मिलाया जाता है। उसके बाद उसमें जिस चीज का अचार बनाना होता है, उसमें मसाले को डाला जाता है और खास बात यह है कि हम अपने अचार में किसी भी प्रकार के केमिकल का प्रयोग नहीं करते हैं। अचार खराब ना हो, उसके लिए हम सिरके का प्रयोग करते हैं।
अब ऊषा तिवारी का कारोबार तगड़ा हो गया है और वे हर महीने 40-50 हजार रुपए का टर्नओवर कमा रही हैं। उनके समूह में 10 महिलाएं जुड़ी हैं और जब अचार की डिमांड ज्यादा होती है, तो लगभग 200 महिलाओं को रोजगार देते हैं। उनके अचार की सप्लाई गोंडा शहर के छोटे-छोटे दुकानों और बड़े-बड़े दुकानों से होती है। ऊषा तिवारी की कहानी एक प्रेरणा है कि घर बैठे भी अच्छा कारोबार किया जा सकता है।