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डॉ जितेंद्र सिंह ने CAT से आग्रह किया कि वह पीछे की कार्रवाई को कम करें, तकनीक को अपनाएं और सरकारी कर्मचारियों के लिए न्याय को सुव्यवस्थित करें

सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और केंद्रीय कानून मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के बाद देश का सबसे बड़ा न्यायिक संस्थान, केंद्रीय अपीलात्मक न्यायाधिकरण (CAT) को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुनिश्चित किया है कि ट्रिब्यूनल में सभी रिक्तियां भर दी गई हैं, जिससे यह अपनी पूरी क्षमता से काम कर सके।

सिंह ने कहा कि अगला चुनौतीपूर्ण कार्य यह होगा कि ट्रिब्यूनल द्वारा पेंडिंग मामलों को समयबद्ध तरीके से निपटाया जाए और आधुनिक मामला प्रबंधन प्रणाली अपनाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायिक प्रक्रियाओं में बढ़ती प्रौद्योगिकी की भूमिका को उजागर किया, जिसमें ई-फाइलिंग, रिकॉर्ड्स की डिजिटाइजेशन और वीडियो सुनवाई की प्रगति का उल्लेख किया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि महामारी के दौरान भी न्यायिक प्रक्रियाएं जारी रहीं।

उन्होंने यह भी कहा कि प्लान्स हैं कि AI-एडेड केस मैनेजमेंट सिस्टम को लागू किया जाए, जिससे न्यायिक निर्णयों की गति और स्थिरता में सुधार हो सके और न्यायिक स्वतंत्रता को कोई खतरा न हो। उन्होंने सुझाव दिया कि CAT के विभिन्न बेंचों में प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जा सकता है, जिसमें निपटान दर, पेंडेंसी की कमी, प्रौद्योगिकी का उपयोग और प्रतिवादी की संतुष्टि जैसे मानकों का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे उपायों से सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान होगा और पारदर्शिता में सुधार होगा।

सरकार के प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए, उन्होंने कहा कि अधिकांश CAT बेंचों के पास अब समर्पित भवन हैं और प्रगति के लिए प्रयास जारी हैं कि भवनों और मानव संसाधनों को और भी मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि जबकि सरकार संसाधन और प्रौद्योगिकी प्रदान कर सकती है, न्यायिक न्याय की प्रक्रिया में अखंडता और सेवा की भावना का जिम्मा उन लोगों के पास है जिन्हें न्यायिक प्रक्रिया को संचालित करने का जिम्मा सौंपा गया है।

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