पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद और ज्यूआई ने किया सामूहिक भर्ती अभियान
भारत ने पाहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में बहावलपुर, मुरीडके, मुजफ्फराबाद और अन्य कई स्थानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत कई आतंकवादी केंद्रों को नष्ट कर दिया है।
ऐसी जानकारी मिली है कि 14 सितंबर को भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच से कुछ घंटे पहले जैश-ए-मोहम्मद ने मंसेहरा जिले के गढ़ी हबीबुल्लाह कस्बे में एक सार्वजनिक भर्ती अभियान का आयोजन किया था। यह कार्यक्रम एक “देवबंदी धार्मिक सभा” के रूप में आयोजित किया गया था, लेकिन वास्तव में यह जैश-ए-मोहम्मद और ज्यूआई के संयुक्त प्रयासों से चलाया गया था।
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान में हाल ही में जैश-ए-मोहम्मद के कुछ स्थानों पर पुलिस की सुरक्षा में आतंकवादी सभाएं आयोजित की गईं और इस मामले में ज्यूआई जैसे राजनीतिक-धार्मिक संगठनों की “सांठ-गांठ” का भी उल्लेख किया गया है।
जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तान और कश्मीर के क्षेत्रीय नेता मौलाना मुफ्ती मसूद इलियास कश्मीरी के नेतृत्व में इस भर्ती अभियान का आयोजन किया गया था। इलियास कश्मीरी एक उच्च मूल्य का लक्ष्य है जिसकी तलाश भारत कर रहा है और वह जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर से गहरे संबंध रखते हैं। उनके इस सार्वजनिक सभा में जैश-ए-मोहम्मद के कैडेटों और स्थानीय पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान सरकार जैश-ए-मोहम्मद को समर्थन दे रही है।