पीलीभीत में जर्जर पुल का हाल: 6 महीने से दरार आने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में बीते मार्च के महीने में हरदोई ब्रांच नहर पर बना पुल दरार आने के कारण बंद कर दिया गया था. छह महीने बीत जाने के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. जिस सड़क पर यह पुल बना हुआ है वहीं पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के गेट नंबर 02 को जाती है. इस सब में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पुल में दरार आए 6 महीने से भी अधिक का समय पूरा हो चुका है, लेकिन पुल निर्माण की दिशा में की गई कवायद अभी भी महज प्रस्ताव पर ही अटकी हुई है.
दरअसल, माधोटांडा खटीमा मार्ग पर हरदोई ब्रांच नहर पर बिर्टिश काल में सन 1926 में पुलों का निर्माण कराया गया था. जिनकी मियाद पूरी हो चुकी है. बीते 7 मार्च को करीब रात 10 बजे दरार आने के कारण पुल पर आवागमन बंद कर दिया गया था. आवागमन बंद होने से पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बीते पर्यटन सत्र आए पर्यटकों को परेशानी का सामना तो करना ही पड़ा. वहीं लखनऊ की ओर से पूर्णागिरी जाने वाले श्रद्धालुओं को भी समस्या से जूझना पड़ रहा है.
6 महीने से खतरे में लोगों की जान इस सब में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पुल में दरार आए 6 महीने से भी अधिक का समय पूरा हो चुका है, लेकिन पुल निर्माण की दिशा में की गई कवायद अभी भी महज प्रस्ताव पर ही अटकी हुई है. इसका नतीजा यह है कि जिस दीवार को प्रशासन ने पुल पर आवागमन बंद करने के लिए खड़ा किया था, उसे स्थानीय राहगीरों ने तोड़ दिया है. वहीं राहगीर अपनी जान जोखिम में डाल कर पुल से गुजर रहे हैं.
सता रहा PTR प्रशासन को ये डर जिस सड़क पर यह जर्जर पुल बना हुआ है, वह लखनऊ से पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के मुस्तफाबाद गेट को जोड़ती है. लखनऊ की ओर से आने वाले सभी सैलानी इसी पुल को पार कर PTR के गेट पर पहुंचते हैं. ग़ौरतलब है कि बीते पर्यटन सत्र पीलीभीत टाइगर रिज़र्व की सैर पर आए सैलानियों का आंकड़ा 53,000 को भी पार कर गया था. लेकिन पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को डर सता रहा है कि कहीं पुल क्षतिग्रस्त होने के चलते यह आंकड़ा घट न जाए.
पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के प्रशासन को यह डर सता रहा है कि कहीं पुल क्षतिग्रस्त होने के चलते पर्यटन सत्र में कमी न आए. पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में पर्यटन सत्र के दौरान आए पर्यटकों की संख्या 53,000 से अधिक हो गई थी. लेकिन पुल क्षतिग्रस्त होने के चलते पर्यटन सत्र में कमी आने का डर पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के प्रशासन को सता रहा है.