उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यापारियों और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि कोई औद्योगिक भूमि तीन वर्षों से अधिक समय से अनुपयोगी है, तो उसे रद्द कर दिया जाए और उसे अन्य निवेशकों को आवंटित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निवेश मित्र और निवेश सरथी पोर्टल्स को सरल और उपयोगकर्ता-मित्र बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि बड़े या छोटे निवेशकों को सरकारी कार्यालयों का दौरा नहीं करना पड़े। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि उन्हें सुनिश्चित करना चाहिए कि 22 सितंबर से प्रभावी होने वाले जीएसटी सुधार हर नागरिक को लाभ पहुंचाएं, और उन्हें विश्वास था कि ये सुधार सीधे तौर पर आम आदमी को मददगार होंगे।
मुख्यमंत्री ने इस बैठक में सारदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर प्रत्येक जिले में विशेष रोजगार क्षेत्रों के विकास के योजना पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन रोजगार क्षेत्रों को प्रत्येक जिले में कम से कम 100 एकड़ में विकसित किया जाना चाहिए और इसके लिए भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “इन क्षेत्रों को उद्योग, निवेश, उद्यमिता, नवाचार, कौशल विकास और रोजगार के लिए केंद्र बनाया जाएगा। यह योजना पूरे देश के लिए एक मॉडल बनेगी।”
मुख्यमंत्री ने श्रम सुधारों की प्रक्रिया को तेज करने और अनुपयोगी औद्योगिक भूमि को सक्रिय करने के निर्देश दिए।