नई दिल्ली, 17 सितंबर 2025 – इक्वेडोर के राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ ने मंगलवार को अपने देश में एक बड़े विरोध को दबाने के लिए एक 60-दिन के आपातकाल की घोषणा की। यह विरोध उनके द्वारा पेट्रोल के सब्सिडी को हटाने के बाद शुरू हुआ था, जो हफ्ते भर पहले हुआ था।
नोबोआ के इस फैसले के बाद इक्वेडोर के दो दर्जन प्रांतों में से सात प्रांतों में आपातकाल की घोषणा की गई है। इस घोषणा के बाद सेना और राष्ट्रीय पुलिस को तैनात किया गया है। इक्वेडोर के अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा है कि सेना और पुलिस को तैनात करने का मकसद यह है कि लोगों को सार्वजनिक सेवाओं को बाधित करने से रोका जा सके और आम जनता को अपने अधिकारों का प्रयोग करने की स्वतंत्रता दी जा सके।
विरोध के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स और रेलिंग्स को तोड़ दिया, जबकि पुलिस ने गैस के गोले फेंके।
इस आपातकाल के बावजूद, अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने यात्रा सलाह को बदलने का फैसला नहीं किया है। अभी भी सलाह है कि अमेरिकी नागरिकों को “बढ़ी हुई सावधानी” बरतनी चाहिए और बड़े भीड़ में जाने से बचना चाहिए जहां हिंसक झड़पें हो सकती हैं।
विरोध के बाद इक्वेडोर के सरकार ने कहा है कि वह देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए पेट्रोल के सब्सिडी को हटा देगा। सरकार ने कहा है कि यह फैसला देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए लिया गया है और यह फैसला देश के लोगों के हित में है।
लेकिन इक्वेडोर के लोगों को लगता है कि यह फैसला देश के गरीब लोगों के लिए हानिकारक होगा। सरकार ने कहा है कि वह पेट्रोल के दाम को स्थिर करने के लिए एक योजना बना रही है, जो दिसंबर में लागू होगी। लेकिन अभी तक यह योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
इस फैसले के बाद इक्वेडोर के लोगों में आक्रोश है। विरोध के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।