गर्भावस्था के दौरान बुखार होने से बच्चे को हो सकता है नुकसान
गर्भावस्था के दौरान बुखार होना एक आम समस्या है, लेकिन यह समस्या बहुत गंभीर हो सकती है. डॉ. रिद्धि पांडे ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान बुखार होने से बच्चे को नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में प्रेगनेंट महिलाओं को बुखार, सर्दी, मीजल्स जैसे लक्षण अधिक देखने को मिलते हैं. कीचड़ और नमी के कारण वायरल इंफेक्शन तेजी से फैलता है, जिससे उल्टी, बेचैनी और थकावट होती है. कई बार महिलाएं बिना डॉक्टरी सलाह के ऐलोपैथिक दवाएं ले लेती हैं, जो गर्भ में पल रहे शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है. इससे गर्भपात (मिसकैरेज) या भ्रूण को नुकसान की संभावना बढ़ जाती है.
डॉ. रिद्धि ने बताया कि ऐसी स्थिति में जल्दबाजी में कोई भी दवा ना लें. सबसे पहले होम्योपैथिक दवाओं को प्राथमिकता दें, क्योंकि इनके साइड इफेक्ट्स बहुत कम होते हैं और ये सुरक्षित मानी जाती हैं. साथ ही ये दवाएं शरीर को रिलैक्स देती हैं और बुखार को कंट्रोल करने में मदद करती हैं. उन्होंने कहा कि यदि घर पर कोई मौजूद नहीं है और बुखार तेज है, तो सरसों का तेल गर्म करके तलवों और पीठ पर मालिश करें. किसी गर्म कपड़े से शरीर को ढककर आराम करें. जब शरीर में पसीना आने लगेगा, तो बुखार अपने आप उतरने लगेगा. यह केवल प्राथमिक राहत के लिए है, ऐसे में जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है. गर्भावस्था के दौरान छोटी सी लापरवाही भी बड़े खतरे में बदल सकती है. इसलिए सजग और सतर्क रहना बेहद जरूरी है.
डॉ. रिद्धि ने कहा कि गर्भावस्था के पहले या शुरुआती दौर में बुखार होने से कई खतरनाक बिमारियों की संभावना दोगुनी से अधिक हो जाती है. इसलिए, गर्भावस्था के दौरान बुखार होने से बचने के लिए, महिलाओं को अपने आहार में बदलाव करना चाहिए. उन्हें अधिक पानी पीना चाहिए और अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करना चाहिए. साथ ही, उन्हें अपने डॉक्टर से नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए और उनकी सलाह का पालन करना चाहिए.