भारत और पाकिस्तान के बीच हुए एशिया कप के मैच के बाद हाथ मिलाने के परंपरागत रीति-रिवाज को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस विवाद को ट्रिगर करने वाली घटना तब हुई जब सूर्यकुमार यादव और उनके बल्लेबाजी साथी शिवम दुबे ने अपनी सात विकेट से जीत के बाद मैदान से बिना हाथ मिलाए चले गए। भारतीय टीम के कोई भी खिलाड़ी और सहायक स्टाफ ने इस परंपरागत पोस्ट मैच हाथ मिलाने के लिए नहीं आए। इस विवाद के जवाब में पूर्व पाकिस्तानी कप्तान शाहिद अफरीदी ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव पर कड़ी आलोचना की।
अफरीदी ने कहा कि भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ जीत के बाद हाथ मिलाने से इनकार करने का फैसला बीसीसीआई और भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार किया गया था। उन्होंने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया था क्योंकि हाल ही में पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के कारण भारत में संवेदनशीलता बढ़ी हुई है। लेकिन अफरीदी ने कहा कि भारत का यह कदम अस्पृश्य है और उन्होंने कहा कि राजनीति को खेल के मैदान में आने देना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि खेल के मूल्यों को राजनीतिक पोस्टिंग के कारण कमजोर किया जा रहा है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने कहा कि उनके निर्णय के पीछे सरकारी और बोर्ड के निर्देश थे। इस विवाद ने सोशल मीडिया पर तेजी से प्रतिक्रियाएं देने का काम शुरू कर दिया है, जहां कुछ लोग टीम इंडिया के निर्णय के समर्थन में हैं, जबकि अन्य लोगों ने अलग-अलग दृष्टिकोण व्यक्त किए हैं, जिनमें मैच का बहिष्कार भी शामिल है।