बलिया के टॉप सरकारी स्कूल, जिन्होंने प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ दिया है
बलिया जिले के पांच प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिन्होंने अपनी शैक्षिक उपलब्धियों और नवाचारों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी छाप छोड़ी है. आइए जानते हैं इन विद्यालयों की खासियत और क्या है उनकी सफलता की कुंजी.
पहला विद्यालय बलिया के पन्ध ब्लॉक में स्थित पीएम श्री विद्यालय है. यहां के प्रधानाध्यापक ब्रजेश कुमार को इस वर्ष राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. विद्यालय में 350 नामांकन हैं और स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध है. सभी छात्रों के लिए तय बेल्ट समेत एकरूप व आकर्षक ड्रेस कोड लागू है. यहां के बच्चों ने हिन्दुस्तान ओलिंपियाड में भी जीत हासिल की है.
दूसरा विद्यालय बलिया के दुबहर शिक्षा क्षेत्र में स्थित पीएम श्री विद्यालय अमृतपाली है. यहां के बच्चों का शैक्षणिक कार्य उत्कृष्ट ढंग से चल रहा है. यहां बाल वाटिका से लेकर कक्षा 5 तक की पढ़ाई अलग-अलग क्लासेज में होती है. यहां स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, आर्ट क्राफ्ट, चित्रकला, संगीत, कविता व खेल खेल में शिक्षा दी जाती है. मिशन शक्ति, नशा मुक्ति, स्वच्छता जैसे विषयों पर नियमित जागरूकता कार्यक्रम भी चलते हैं. इस वर्ष विद्यालय के 14 बच्चों ने हिन्दुस्तान ओलिंपियाड में जीत हासिल की है. यहां के बच्चे बहुत टैलेंटेड हैं.
तीसरा विद्यालय बलिया के रसड़ा ब्लॉक में स्थित प्राथमिक विद्यालय बस्तौरा है. इसका परिवेश हरियाली युक्त और आकर्षक है. विद्यालय में 5 कक्षाएं, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, लर्निंग कॉर्नर और विशाल खेल मैदान है. किचन वाटिका से प्राप्त सब्जियों का उपयोग एमडीएम में होता हैं. हर कक्षा में पंखा, एलईडी लैंप, फर्नीचर और व्हाइट बोर्ड हैं. स्कूल में सीसीटीवी, प्रोजेक्टर, लैपटॉप, ऑडियो सिस्टम जैसे सभी आधुनिक उपकरण उपलब्ध हैं. इसके प्रधानाध्यापक धनंजय प्रताप सिंह है.
चौथा विद्यालय बलिया के गड़वार ब्लॉक के सीमाई क्षेत्र में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय शेरवां कलां बेरुआरबारी है. यह विद्यालय शैक्षिक उपलब्धियों और नवाचारों के कारण बेहद खास है. पिछले छह वर्षों में यहां के 37 बच्चे एनएमएमएस, 9 श्रेष्ठ परीक्षा और 7 आश्रम पद्धति परीक्षा में बड़ी सफलता पाए हैं. यह आज़मगढ़ मंडल का पहला परिषदीय विद्यालय है, जिसने राज्य स्तरीय योग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. यहां ब्लॉक से अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक के योग्य खिलाड़ी हैं.
इन पांच विद्यालयों ने अपनी शैक्षिक उपलब्धियों और नवाचारों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी छाप छोड़ी है. ये विद्यालय प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़कर अपनी शैक्षिक गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं.