Uttar Pradesh

स्वास्थ्य टिप्स: पीरियड्स से पहले वेस्ट में दर्द? इसे हल्के में न लें…हो सकती है ये बीमारी, डॉक्टर से जानें सही इलाज – उत्तर प्रदेश समाचार

आज की तेज़-तर्रार ज़िंदगी और गलत खानपान के कारण महिलाओं और लड़कियों में वेस्ट में सूजन की समस्या बढ़ती जा रही है. यह छोटी समस्या कभी-कभी गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है. समय रहते पहचान और सही इलाज से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है.

मऊ: आज के व्यस्त जीवन और गलत खानपान के दौर में महिलाओं और लड़कियों में कई स्वास्थ्य समस्याएं आम हो गई हैं. उनमें से एक है वेस्ट में दर्द या सूजन, जिसे अक्सर हल्के में लिया जाता है, लेकिन यह छोटी परेशानी कभी-कभी गंभीर बीमारी का रूप भी ले सकती है. अगर समय रहते इस समस्या की पहचान कर उचित इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर स्थितियों में बदल सकती है. वहीं आजकल महिलाओं या लड़कियों में मैस्टाइटिस की दिक्कत भी बढ़ रही है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि मैस्टाइटिस क्या है, इसके लक्षण कैसे पहचाने जाएं, और इसे घर पर और चिकित्सकीय मदद से कैसे ठीक किया जा सकता है ताकि आप और आपकी बेटियां इस समस्या से बच सकें.

मैस्टाइटिस क्या है?

लोकल 18 से बात करते हुए सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नम्रता श्रीवास्तव ने बताया कि महिलाओं और लड़कियों में वेस्ट सूजन की समस्या जिसे मैस्टाइटिस कहा जाता है, तेजी से बढ़ रही है. यह हार्मोनल समस्या के कारण होती है और खास तौर पर महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव से जुड़ी होती है. कई बार महिलाएं इसे पहचान नहीं पातीं या बताने में संकोच करती हैं, जिससे समय रहते इलाज न होने पर समस्या बढ़कर फाइब्रोइनोडेशन और फाइब्रॉईनोमा जैसी गंभीर बीमारियों का रूप ले लेती है.

मैस्टाइटिस के लक्षण और पहचान

इस समस्या का सबसे प्रमुख लक्षण है कि मासिक धर्म के समय वेस्ट में दर्द या सूजन बढ़ जाना और मासिक धर्म के बाद यह दर्द घट जाना. इसके अलावा मासिक धर्म का समय असामान्य होना, दर्द में अचानक बदलाव भी संकेत हो सकते हैं. समय रहते इन लक्षणों को पहचानकर चिकित्सक से संपर्क करना बहुत जरूरी है.

मैस्टाइटिस का इलाज और सावधानियां

डॉक्टर नम्रता श्रीवास्तव बताती हैं कि वेस्ट में सूजन का इलाज केवल अंग्रेजी दवाओं से ही नहीं बल्कि होम्योपैथिक दवाओं से भी किया जा सकता है. होम्योपैथिक में इसके लिए बैलोडिना, ब्राइनिया, फाइकोलोट्स और कुफोलेरिया जैसी दवाइयां उपयोग की जाती हैं. इसके अलावा जीवनशैली में बदलाव करना भी महत्वपूर्ण है. जंक फूड, ज्यादा चीनी, अधिक मैदे और ज्यादा चावल का सेवन कम करें. हरी सब्जियां, फल, गुड़ और चने को अपने नियमित आहार में शामिल करें. सही दिनचर्या और संतुलित आहार अपनाने से यह समस्या आसानी से नियंत्रित की जा सकती है.

समय रहते अपनाएं सावधानियां

महिलाओं और लड़कियों को चाहिए कि अगर वेस्ट में किसी भी प्रकार की सूजन, दर्द या असामान्यता महसूस हो तो इसे छुपाएं नहीं. तुरंत चिकित्सक से सलाह लें और सही निदान करवाएं. प्रारंभिक इलाज से न केवल गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है बल्कि जीवनशैली और खानपान में बदलाव से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है.

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