जंगल में हुई मुठभेड़ में मारे गए दूसरे माओवादी की पहचान रघुनाथ हेमब्रम के रूप में हुई है, जो बिहार-झारखंड विशेष क्षेत्रीय समिति (एसएसी) के सदस्य थे, जिनके सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम था। तीसरे माओवादी की पहचान बिरसेन गंजू उर्फ रामखेलावान के रूप में हुई है, जो सीपीआई (माओवादी) के क्षेत्रीय समिति के सदस्य थे और उनके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि तीनों माओवादी जंगल और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में लंबे समय से सक्रिय थे और इस क्षेत्र में कई बड़े माओवादी घटनाओं में शामिल थे। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से कई घातक हथियार, जिसमें एके-47 भी शामिल है, को बरामद किया है। हजारीबाग एसपी अन्जानी अन्जन ने घटना की पुष्टि की और कहा कि यह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। एसपी के अनुसार, इन माओवादियों की गतिविधियों का बहुत करीब से पालन किया जा रहा था, जिससे आज सुबह एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। मुठभेड़ के बाद पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज किया गया है ताकि जिन माओवादियों ने मुठभेड़ स्थल से भागने के लिए घने जंगल का फायदा उठाया है, उनकी पहचान की जा सके।

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार एसआईआर के खिलाफ दायर याचिकाओं के अंतिम सुनवाई के लिए 7 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है
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