मिर्जापुर के टॉप 5 सरकारी स्कूल, जहां एडमिशन पाना नहीं रहता आसान
मिर्जापुर जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए कई बच्चे अपने परिवार के साथ रहते हैं। इन स्कूलों में बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देने के लिए प्रयास किया जाता है। हालांकि, इन स्कूलों में एडमिशन पाना बहुत कठिन होता है, क्योंकि यहां पर एडमिशन के लिए मंत्री से लेकर विधायक तक पैरवी करते हैं। लेकिन दाखिला नहीं हो पाता है।
इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य बहुत उज्ज्वल होता है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को डिजिटल क्लास, गणित का बगीचा सहित कई चीजें मिलती हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अनुभवी शिक्षक पढ़ाते हैं।
मिर्जापुर जिले की प्राइमरी स्कूलों में सबसे पहले स्थान पर भगेसर का प्राथमिक विद्यालय है। यहां पर क्रिएटिविटी के साथ बच्चों की पढ़ाई कराई जाती है। यहां पर काफी संख्या में बच्चों की पढ़ाई होती है। स्कूल में डिजिटल क्लास, गणित का बगीचा सहित कई चीजें हैं। प्रधानाध्यापक रविकांत द्विवेदी राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत हैं।
लालडिग्गी पर स्थित रानी कर्णावती विद्यालय है। यहां पर AI तकनीक से पढ़ाई होती है। बच्चों को डिजिटल ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाया जाता है। यहां का माहौल हरा-भरा है, यहां स्किल पर भी ध्यान दिया जाता है। इसलिए यहां पर बच्चों को दाखिला कराने के लिए प्राइवेट स्कूल से ज्यादा बच्चे पहुंचते हैं।
शहर में इंटरमीडिएट कॉलेज में माता प्रसाद माता भीख टॉप पर है। यहां पर नेता विधायक और मंत्री से एडमिशन के लिए फोन लगता है। हालांकि, यहां सिफारिश से ज्यादा प्रतिभा निर्भर करता है। बेहतरीन बच्चों को दाखिला मिलता है। उनका भविष्य संवर जाता है।
शहर के बीच में स्थित राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज में 6 से 12 तक पढ़ाई होती है। यह औसत विद्यालय है। प्राइवेट स्कूलों से बेहतरीन टीचर बच्चों को पढ़ाते हैं। यहाँ पर भी जिलेभर के अलग-अलग क्षेत्रों से बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। यह विद्यालय बच्चों के लिए खास है।
लड़कियों के लिए जिले की बेहतरीन सरकारी स्कूल में आर्यकन्या इंटरमीडिएट कॉलेज है। यहां पर काफी संख्या में लड़कियां पढ़ती हैं। यहां से पढ़ी हुई लड़कियां अलग-अलग क्षेत्रों में परचम लहरा रही हैं। यहां भी 6 से 12 तक पढ़ाई होती है। अनुभवी शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं।